लुधियाना-अमृतसर : तख्त सचखंड श्री हजूर साहिब नादेड़ के प्रबंधकीय बोर्ड में महाराष्ट्र सरकार द्वारा नामजद किए गए सदस्यों की गिनती में 6 अन्य सदस्यों की बढ़ौतरी करने की शुरूआती कार्यवाही का शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी की भुकटि तन गई है।
एसजीपीसी के प्रधान भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने इस बढ़ौतरी का सख्त नोटिस लेते हुए कहा कि तख्त श्री हजूर साहिब के प्रबंधकीय एक्ट 1956 में तबदील करके 6 अन्य सरकारी सदस्यों को स्थान देने का उदेदश्य प्रबंधकीय बोर्ड को सरकार द्वारा अपने हाथों लेने की जो योजना है, सरकार के उस उददेश्य को कभी भी पूरा नहीं होने दिया जाएंगा।
उन्होंने कहा कि गुरू घरों के प्रबंध में सीधा सरकारी दखल बर्दाश्त योग नहीं और सिख जगत इसका तीखा विरोध करेंगा। भाई लोंगोवाल ने यह भी कहा कि 17 सदस्य बोर्ड में 6 सरकारी सदस्यों की और बढ़ोतरी गुरूद्वारा बोर्ड की प्रधानगी को संगत प्रबंधों के स्थान पर सीधा सरकारी तंत्र द्वारा चुनने के लिए जो रास्ता अख्तियार किया जा रहा है, वह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि यह मामला तख्त श्री हुजूर साहिब की प्रबंधक कमेटी के प्रधान स. तारा सिंह को सिख जगत की भावनाओं के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार के पास रखना चाहिए। भाई लोंगोवाल ने कहा कि इस मामले को शिरोमणि कमेटी भारत सरकार के गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री दविंद्र फडऩवीस के पास भी उठाएंगी।
स्मरण रहे कि तख्त श्री हुजूर साहिब के प्रबंधकीय बोर्ड में 17 सदस्य है, जिनमें 3 सदस्य श्री हुजूर साहिब के आसपास से सिख संगत द्वारा चुने जाते है। इसके अतिरिक्त एक सदस्य महाराष्ट्र सरकार द्वारा, 4 सदस्य शिरेामणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर द्वारा जबकि एक-एक सदस्य मध्य प्रदेश के सिखों में, चीफ खालसा दीवान और एक सदस्य हैदराबाद के सिखों में से चुने जाते है जबकि 2 सदस्य सिख पार्लीमेंट और 2 सदस्य सचखंड हूजूरी खालसा दीवान द्वारा नामांकन किए जाते है। परंतु अब महाराष्ट्र सरकार द्वारा 6 अन्य सदस्य धक्के के साथ शामिल करने के लिए एक्ट में संशोधन करने की तैयारी की जा रही है।
– सुनीलराय कामरेड