प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को कहा कि कथित बैंक धोखाधड़ी मामले में उसने धन शोधन निवारण कानून के तहत चंडीगढ़ स्थित एक दवा कंपनी की 185 करोड़ रुपये की संपत्ति को जब्त किया है। धन शोधन निवारण कानून (PMLA) के तहत जारी आदेश के बाद दवा कंपनी सूर्या फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड और कुछ संबद्ध संस्थाओं की इमारतों, संयंत्र और मशीनरी को जब्त किया गया है।
828 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप
जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की दो प्राथमिकी के बाद धन शोधन का मामला दर्ज किया गया। इस संबंध में भारतीय स्टेट बैंक (SBI), चंडीगढ़ और पंजाब एंड सिंध बैंक, करनाल ने शिकायत की थी। कंपनी पर 828 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि ”फर्जी चालान” के बदले कंपनी के नाम पर साख पत्र (Letter of credit) का लाभ उठाया गया था। बैंक से मिली राशि का उपयोग गलत तरीके से कंपनी, संबद्ध संस्थाओं और व्यक्तियों के नाम से संपत्ति खरीदने के लिए किया गया।