लुधियाना-पटियाला : पिछले दिनों नाभा जेल की सलाखों के पीछे बंद बरगाड़ी कांड के मुलजम डेरा प्रेमी महिंद्रपाल बिटटू के कत्ल के मामले में 2015 को श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबियों और गोलीबारी की पड़ताल के लिए बनी विशेष जांच टीम सिट के वरिष्ठ सदस्य आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह की अब पुन: एंट्री हो गई है।
कुंवर विजय प्रताप सिंह आज पंजाब की अति सुरक्षित समझे जाने वाली केंद्रीय जेल में तकरीबन 1 घंटे तक मोजूद रहे। इस दौरान भनक लगते ही मोके पर पहुंचे चुनिंदा पत्रकारों ने कई सवाल दागे किंतु उन्होंने किसी का भी जवाब नहीं दिया। एसआइटी सदस्य ने माना कि महिंद्रपाल बिटटू बेअदबी कांड केस की मुख्य कड़ी था, जो टूट चुकी है लेकिन उन्हें आशा है कि उन्हें जांच में पूरा उतरेंगे और दूध का दूध और पानी का पानी करके रहेंगे।
स्मरण रहे कि नाभा की नई जेल में 6 डेरा प्रेमी विचारदीन केदी के रूप में कैद है। भरोसेमंद सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि कुंवर विजय प्रताप ने उनसे बातचीत की है। हालांकि अधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई।
उधर नाभा जेल में 2 कैदियों के हाथों कत्ल हुए डेरा सच्चा सौदा सिरसा की 45 सदस्य कमेटी के सक्रिय सदस्य महिंद्रपाल बिटटू की अंतिम अरदास और नामचर्चा आज कोटकपूरा स्थित दानामंडी में शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त हो गई। शांति का माहौल बनाए रखने हेतु पुलिस प्रशासन द्वारा पुख्ता प्रबंध किए गए थे। नामचर्चा में पंजाब के समस्त जिलों के अतिरिक्त दिल्ली , राजस्थान और हरियाणा समेत हिमाचल से डेरा प्रेमी पहुंचे हुए थे।
उधर डेरा प्रेमी महिदरपाल बिट्टू कत्ल मामले में पुलिस ने पांचों आरोपितों गुरसेवक, मनिदर, जसप्रीत सिंह नयाला, हरप्रीत सिंह हैपी व लखविदर सिंह लक्खा को सीनियर जज गुरविदर सिंह जौहल की अदालत में सुबह पेश किया। जहां से अदालत ने आरोपितों को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। इससे पहले सीआइए स्टाफ इंचार्ज शमिदर सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने सुरक्षा के मद्देनजर बिना किसी को सूचना दिए बिना सुबह करीब 9 बजे आरोपितों को अदालत में पेश कर दिया। जबकि आरोपितों के बचाव पक्ष का वकील और परिजन उनको मिलने के लिए इंतजार ही करते रह गए।
जानकारी के अनुसार पुलिस को सूचना मिली थी कि गुरसेवक व मनिदर आदि की पेशी के दौरान कुछ जत्थेबंदियों की तरफ से अदालत नजदीक इक्_े होने की तैयारी की जा रही है। इस दौरान अदालत के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात थे।
– सुनीलराय कामरेड