लुधियाना-बरनाला : पंजाब के बरनाला स्थित गांव मांगेवाल में एक मेहनतकश किसान द्वारा 2 औलादें पैदा करने के बावजूद जिंदा ना रहने से परेशान होकर आत्महत्या कर लेने का समाचार प्राप्त हुआ है। जानकारी के मुताबिक 41 वर्षीय किसान गुरमेल सिंह सुपुत्र माड़ा सिंह की शादी 8 साल पहले बलजिंद्र कौर नाम युवती के साथ संपन्न हुई थी। शादी के कुछ साल बाद ही इनके घर पैदा हुई पहली बच्ची (लडक़ी) की मौत जन्म के समय हो गई जबकि दूसरा बच्चा (लडक़ा) जन्म के 2 दिन बाद 18 दिसंबर 2015 को मौत का ग्रास बन गया। दोनों बच्चों के ना बचने के कारण गुरमेल सिंह और उसकी बीवी बलजिंद्र कौर अकसर परेशान रहते थे और हर दम अपनी औलाद का जिक्र करते भावुक हो जाते थे।
17 दिसंबर की रात दोनों अपने बच्चों की मौत को दो साल पूरा होने और दोनों मियां-बीवी उन्हें याद करके भावुक हुए और सुबह-सवेरे बरनाला के गुरूद्धारा जंडसर साहिब ठुलीवाला में जाकर अरदास करके वापिस घर आएं और शाम को जल्दी ही सो गए परंतु जब उसकी पत्नी बलजिंद्र कौर ने सुबह उठकर देखा तो गुरमेल सिंह बैड पर नहीं था। इधर-उधर देखने के पश्चात अचानक बलजिंद्र कौर ने देखा कि उसके पति मानसिक परेशानी के कारण बरामदे में खड़ी सीढ़ी के आखिरी पायदान पर कपड़ा लपेटे फांसी का फंदा लिए लटक रहा था तो उसकी चीखे निकल गई।
पत्नी बलजिंद्र कौर के मुताबिक सुबह-सवेरे 6 बजे जब उसने इस अनहोनी को देखा तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। दुनिया में अपने आप को अकेला महसूस करते हुए उसने चीखों के दौरान अपने जेठ को पुकारा तो इसके पश्चात अड़ोस-पड़ोस के लोग इकटठे हुए और घटना के संबंध पर संपर्क पुलिस स्टेशन ठुलीवाल को सूचित किया गया। पुलिस स्टेशनस के एएसआई हरजिंद्र सिंह ने पुलिस मुलाजिमों के साथ पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और मृतक की पत्नी बलजिंद्र कौर के बयानों को आधार बनाते हुए धारा 174 की कार्यवाही करके लाश को पोस्टमार्टम करवाने हेतु सिविल अस्पताल भेज दिया।
स्मरण रहे कि मृतक किसान गुरमेल सिंह के पास सिर्फ 5 भीगे जमीन थी और दोनों मियां-बीवी गांव में ही मनीयारी की दुकान चलाकर जिंदगी का गुजर-बसर कर रहे थे। गांव के लोगों के मुताबिक मृतक बहुत ही भला मानस और मिलनसार शख्सीयत वाला किसान था। पता नहीं रब्ब ने उसे किस कर्मो की सजा दी।
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– सुनीलराय कामरेड