पंजाब में किसान संगठन अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव अपने स्तर पर लड़ेंगे और किसी अन्य सियासी दल से गठबंधन नहीं करेंगे। किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने स्पष्ट किया कि वह विधानसभा का चुनाव नहीं लड़गे। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा एमएसपी की नई दरों को नाकाफी बताया और कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री गन्ना के भाव बढ़ा दें, हम लड्डू खिला देंगे। कल संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर सिरसा की अनाज मंडी में किसान, मजदूर, व्यापारी व कर्मचारी महासम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें हजारों किसानों, मजदूरों, व्यापारियों व कर्मचारियों ने शिरकत की।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए चढ़ूनी ने कहा कि जब-जब सरकार ने आवाम से टकराने की कोशिश की है, तब-तब सरकार को मुंह की खानी पड़ी है। किसानों के कार्यक्रमों में लाखों लोगों की भीड़ ये दर्शाती है कि बहुत जल्द सरकार सत्ता से वंचित होने वाली है। चढ़ूनी ने कहा कि करनाल में प्रशासन ने सरकार के इशारे पर जिस प्रकार किसानों पर बर्बरतापूर्ण लाठियां भांजी, उससे सरकार की जहां किरकिरी हुई है, वहीं लोगों में सरकार के प्रति रोष और बढ़ गया है।
जितना समय सरकार तीनों कानूनों को रद्द करने में लगाएगी, उतनी ही अधिक शक्ति के साथ किसान सरकार से टकराएगा। ये आरएसएस की विचारधारा वाले लोग हैं, जो इतनी आसानी से नहीं मानने वाले। इन्हें जब तक इनकी असलियत नहीं दिखाई जाएगी, ये अपनी हरकतों से बाज नहीं आएंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन की शुरूआत हो चुकी है। अब इस सरकार को आइना दिखाने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के सब्र का इम्तिहान न ले, यदि जरूरत पड़े तो किसान प्रधानमंत्री का आवास भी घेर लेंगे। सम्मेलन के बाद चढ़ूनी ने पत्रकारों से कहा कि आगामी 26 सितंबर को फतेहाबाद में किसान पंचायत होगी। जब तक आचार संहिता लागू नहीं हो जाती गांवो में किसी भी दल के नेता को चुनाव प्रचार करने नहीं देंगे। इस मौके पर जोगिंदर सिंह उग्राहा ने कहा कि अकेला किसान वर्ग ही ऐसा था, जो देश की अर्थव्यवस्था को संभाल रहा था, लेकिन तीन कानून बनाकर सरकार ने उसकी भी कमर तोड़ने का काम किया है।
इन तीनों कृषि कानूनों से किसान कारपोरेट घरानों का गुलाम हो जाएगा। सरकार जब तक तीनों कानूनों को वापस नहीं लेती, तब तक देश का किसान चुप नहीं बैठेगा। कार्यक्र के दौरान पंजाबी कलाकारों रूपिंद, हांडा, गायक करतार सिंह चीमा, प्रीत रंधावा व बराड़ ने अपने गीतों से किसानों को प्रोत्साहित किया और सरकार को चेताया। सम्मेलन को जिलाध्यक्ष सिकंदर सिंह रोड़, जोगिंद्र उगरावा, वीरेंद्र सिंह हुड्डा, कांता आलड़िया, सुमन हुड्डा, सुरेश खोथ, करनैल सिंह ओढां, सुरजीत सिंह, दिलप्रीत सिंह ढिल्लों, अशोक गुप्ता लाडवा, जस्सी बाजवा ने भी संबोधित किया।