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पंजाब में किसानों का प्रदर्शन तेज, बिल के विरोध में यूथ कांग्रेस ने निकाली ट्रैक्टर रैली

किसानों ने आशंका जताई कि तीन विधेयकों के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को खत्म करने का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा और किसानों को बड़े कॉरपोरेट घरानों के “रहम” पर छोड़ दिया जाएगा।

पंजाब में कृषि बिल के विरोध में किसानों का प्रदर्शन तेज होता जा रहा है। राज्य के कई हिस्सों में रविवार को किसानों ने कृषि विधेयकों की प्रतियां तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला जलाया और आरोप लगाया कि कृषि क्षेत्र से संबंधित विधेयक उनकी जीविका को खत्म कर देंगे। बिल के विरोध में यूथ कांग्रेस ने पंजाब में ” ट्रैक्टर रैली” निकली।
विधेयकों के खिलाफ पंजाब युवा कांग्रेस ने भी पंजाब से दिल्ली तक “ट्रैक्टर रैली” की शुरुआत की। लुधियाना, फिरोजपुर, संगरूर और बरनाला समेत कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने केंद्र की बीजेपी नीत सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। तलवंडी साबो में एक किसान ने बताया, “ये कृषि विधेयक किसानों और कृषक मजदूरों को बर्बाद कर देंगे और हम इनकी कड़ी निंदा करते हैं।” 
किसानों ने आशंका जताई कि तीन विधेयकों के जरिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को खत्म करने का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा और किसानों को बड़े कॉरपोरेट घरानों के “रहम” पर छोड़ दिया जाएगा। कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सरलीकरण) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को लोकसभा ने पारित कर दिया है। 
पंजाब युवा कांग्रेस के प्रमुख बरिंदर सिंह ढिल्लों ने मोहाली के डेरा बस्सी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि यह किसानों के अधिकारों के लिए लड़ाई की शुरुआत है। पंजाब कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़ ने कहा कि अकाली दल और भाजपा को छोड़कर सभी पार्टियां किसानों के साथ खड़ी हैं। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को निशाने पर लेते हुए उनपर पर पहले इन “काले कानूनों” का समर्थन करने का आरोप लगाया। 
सुनील जाखड़ ने कहा, “किसानों का गुस्सा देखकर बादल को कृषि विधेयकों के मुद्दे पर अपना रुख बदलना पड़ा। किसानों ने उनका अहंकार तोड़ दिया।” कृषि विधेयकों के विरोध में पंजाब युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने हवा में काले गुब्बारे भी छोड़े। 
भाषा 

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