गुरुद्वारा आयोग और भारतीय चुनाव आयोग को दो अलग-अलग संविधान पेश कर धोखाधड़ी के 2009 से लंबित मामले में शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पंजाब के होशियारपुर की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को पूर्व मुख्यमंत्री व शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल को पार्टी के दोहरे संविधान के मामले में जमानत दे दी। यह मामला 2009 में उनकी पार्टी के खिलाफ दाखिल किया गया था।
गुरुद्वारा चुनाव आयोग और दूसरा संविधान राजनीतिक दल की मान्यता
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) रूपिंदर सिंह की अदालत ने बादल (94) को उस मामले में जमानत दे दी, जिसमें शिकायतकर्ता ने शिअद पर दो अलग-अलग संविधान प्रस्तुत करने का आरोप लगाया था। इनमें से एक संविधान गुरुद्वारा चुनाव आयोग और दूसरा संविधान राजनीतिक दल की मान्यता हासिल करने के लिये भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के समक्ष दाखिल किया गया था।
सामाजिक कार्यकर्ता और शिकायतकर्ता बलवंत सिंह खेड़ा के वकील हितेश पुरी ने कहा कि बादल ने बुधवार को होशियारपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जे.पी.एस खुरमी द्वारा पारित अंतरिम जमानत आदेश के अनुसार एसीजेएम की स्थानीय निचली अदालत में एक लाख रुपये की जमानत राशि जमा की।
अदालत ने शिरोमणि अकाली
बादल बृहस्पतिवार को एसीजेएम की निचली अदालत में पेश हुए। पिछले साल अक्टूबर में, यहां की एक अदालत ने शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल को इसी मामले में अंतरिम जमानत दी थी। मामले में आरोप था कि उनकी पार्टी ने मान्यता हासिल करने के लिए निर्वाचन आयोग के समक्ष झूठा हलफनामा दाखिल किया।