लुधियाना-अमृतसर : वर्ष 2015 में घटित बहिबल कलां गोलीकांड के मामले में पंजाब सरकार गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने आज पंजाब पुलिस के पूर्व पुलिस अधिक्षक (एसएसपी) चरणजीत शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। चरणजीत शर्मा की गिरफतारी रविवार की सुबह 4.25 बजे करीब उस वक्त हुई जब वह अपनी ही रिहायश से दीवार फांदकर विदेश भागने की फिराक में थे। शर्मा के पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक विशेष जांच टीम के खाकी वर्दीधारियों ने उनके द्वारा दी गई सेवाओं को नजरअंदाज करके उस वक्त गिरफतार किया जब चरणजीत शर्मा घर में ही गहरी निद्रा में लीन थे। दूसरी तरफ विशेष जांच टीम (एसआईटी) के प्रमुख कुंवर विजय प्रताप सिंह ने अजनाला में चरणजीत शर्मा की गिरफतारी की पुष्टि की है। बातचीत में उन्होंने इस गिरफतारी की पुष्टि करते कहा कि इस संबंध में अन्य खुलासे बाद में किए जाएंगे। उधर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूर्व एसएसपी चरणजीत शर्मा को गिरफतार किए जाने के पश्चात अमृतसर में लाया गया, जहां अदालत में पेश किया जाना है।
जानकारी के अनुसार पंजाब भर में सिखों के पावन ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के उपरांत सडक़ों पर रोषपूर्ण उतरी निहत्थी संगत पर बहिबल कलां और कोटकपूरा में हुए गोलीकांड के मामले में मोगा के पूर्व एसएसपी चरणजीत शर्मा समेत कुछ पुलिस अधिकारियों और सियासी नेताओं पर आरोप लगे थे। इसी संबंध में लंबी जांच के उपरांत स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने चरणजीत शर्मा को आज गिरफ्तार किया है। पिछले हफते पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के एक फैसले के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है।
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रणजीत शर्मा को 29 जनवरी के दिन एसआईटी के सामने पेश होने के लिए सम्मन भेजे गए। ङ्क्षकंतु अब वह विदेश भागने की फिराक में थे और इसीलिए फटाफट हंगामे हालात में इसलिए गिरफतार हुई। शर्मा के अतिरिक्त एसआईटी ने इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह कुलार जो बाजखाना पुलिस स्टेशन के तत्कालीन अधिकारी थे, की गिरफतारी के लिए भी छापेमारी जारी है। लेकिन खबर लिखे जाने तक उनकी गिरफतारी नहीं हो पाई।
अमृतसर में पत्रकारों से बातचीत में आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने बताया कि अक्टूबर 2015 में बहिबल कलां गोलीकांड में पूर्व एसएसपी को आरोपित बनाया गया है। पुलिस की गोलियां लगने से दो सिख युवकों की मौत हो गई थी। कुंवर विजय प्रताप के अनुसार पूर्व एसएसपी यहां से किसी अन्य देश में भागने की फिराक में था। उसके पास अमेरिका, इंग्लैंड और कनाडा का वीजा पहुंच चुका था। एसआईटी की दबिश की दौरान चरणजीत सिंह ने फरार होने का प्रयास भी किया। लेकिन, उसे समय रहते दबोच लिया गया। आरोपित पूर्व एसएसपी के चोटिल होने की भी सूचना है।
स्मरण रहे, हाई कोर्ट ने वर्ष 2015 में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और इसके बाद हुए बहिबलकलां गोलीकांड मामले में आरोपित पुलिस अफसरों के खिलाफ एसआईटी जांच की मंजूरी दी थी। पंजाब विधानसभा ने इन मामलों की जांच सीबीआइ से वापस लेकर एसआईटी को सौंपने का प्रस्ताव पारित किया था। इससे सहमति दिखाते हुए हाई कोर्ट ने जांच वापस लेने के खिलाफ दायर पुलिस अफसरों की याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
इन मामलों की जांच के लिए कैप्टन सरकार ने 30 जून, 2018 को रिटायर्ड जस्टिस रंजीत सिंह के नेतृत्व में आयोग का गठन किया था। कोर्ट ने आयोग की रिपोर्ट को भी सही ठहराया है। इससे पहले 29 जून, 2016 को शिअद-भाजपा सरकार में गठित जस्टिस जोरा सिंह आयोग का भी गठन किया गया था। इन दोनों आयोगों की रिपोर्ट के खिलाफ पुलिस अफसरों ने याचिका दायर की थी। रिपोर्ट में की गई सिफारिशों को सिर्फ सरकार को दिए गए निर्देश मानते हुए जस्टिस राजन गुप्ता ने कहा कि अगर निष्पक्ष जांच की जाती है तो आयोग की सिफारिशों के आधार पर किसी से पक्षपात होने की संभावना नहीं है।
– सुनीलराय कामरेड