लुधियाना-अमृतसर : केंद्रीय मंत्रीमंडल द्वारा प्रथम श्री गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा तक करतारपुर कॉरीडोर रास्ता खोलने संबंधित लिए गए फैसले का सिखों की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान जत्थेदार भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने स्वागत किया।
इस फैसले से संबंधित जहां आम सिख खुशी का इजहार करता दिखा वही दूसरे समुदायों और धार्मिक संगठनों ने भी सिखों की चिर-परिचित मांग को पूरा किए जाने पर केंद्र सरकार को शुक्रिया कहा। अमृतसर स्थित एसजीपीसी मुख्यालय में हुई प्रेस वार्ता के दौरान बातचीत करते हुए भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने कहा कि अब पड़ोसी मुलक पाकिस्तान की सरकार को भी इस कैरीडोर को जल्द परवान करना चाहिए।
करतारपुर गलियारा : केन्द्र के फैसले का नवजोत सिंह सिद्धू ने किया स्वागत
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा इस रास्ते से संबंधित प्रोजेक्ट को परवानगी दिए जाने से ही यह रास्ता 550 वें प्रकाश पर्व तक तैयार हो सकेंगा और सिख संगत गुरूद्वारे करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकेंगी। हालांकि भारत सरकार ने इस प्रोजेक्ट पर सारी राशि खर्च करने की घोषणा की है किंतु एसजीपीसी ने भी अपनी यथा समर्थता योगदान दिए जाने की बात कही है।
भाई लोंगोवाल ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार द्वारा डेरा बाबा नानक सरहद और पाकिस्तान सरहद के साथ जुड़े भारतीय इलाके तक रास्ता बनाने का फैसला सिख जगत के लिए तसल्लीबख्श है और इसके साथ ही सिखों द्वारा चिरपरिचित की जा रही मांग पूरी हुई है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह स्वयं पाकिस्तान जाने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व अन्य विभागों के साथ जहां पत्र व्यवहार किया गया वही निजी तौर पर मुलाकातें भी की गई। उन्होंने भारत सरकार का एक बार फिर धन्यवाद कहा।
स्मरण रहे कि कुछ माह पूर्व पंजाब के केबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए गए थे तो जज्बाती होकर उन्होंने वहां के सेना प्रमुख को गले लगा लिया था। इसके बाद सिद्धू विरोधियों के निशाने पर आए तो सिद्धू ने सफाई दी थी कि सेना प्रमुख ने कॉरिडोर खोलने की बात कही तो वह गले लग गए। कॉरिडोर को लेकर सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को पत्र लिखकर मामले को पाकिस्तान के समक्ष उठाने की मांग की थी। अब केंद्र सरकार ने कॉरिडोर बनाने का फैसला लेकर सिख संगत को बड़ा तोहफा दिया है।
पाकिस्तानी सेना ने ध्वस्त कर दिया था करतारपुर को जोडऩे वाला पुल
पाकिस्तान की सेना ने ही कभी वहां जाने के लिए बने पुल को तबाह कर दिया था। पाकिस्तान के नारोवाल स्थित श्री करतारपुर साहिब और भारत के गुरदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक को जोडऩे के लिए विभाजन से पहले रावी पर बना यह पुल अहम जरिया था। करतारपुर साहिब जाने वाले श्रद्धालु इसी पुल से रावी पार किया करते थे।
इसी पुल से रावी पार कर करतारपुर साहिब के दर्शन करने जाते थे सिख श्रद्धालु
1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना ने सामरिक महत्व वाले इस पुल को ध्वस्त कर दिया। 5 दिसंबर 1971 को सेना को डीबीएन (डेरा बाबा नानक) ब्रिज पर कब्जा करने का आदेश मिला, ताकि इसे दुश्मन के पर हमला करने के लिए इस्तेमाल किया जा सके। इस मिशन को ‘ऑपरेशन अकाल’ नाम दिया गया। 10-डोगरा, 17 राजपूत व 1/9 गोरखा राइफल्स, 71 आ र्ड रेजिमेंट, गोरखा राइफल्स की 4/8 कंपनी और 42 फील्ड रेजिमेंट ने ऑपरेशन को अंजाम दिया और अगले दिन पुल पर कब्जा कर दिया। बाद में पाकिस्तान ने इसे नष्ट कर दिया।
– सुनीलराय कामरेड