पंजाब विधानभा चुनाव के मद्देनजर चन्नी सरकार ने सोमवार को बड़ा एलान किया। कैबिनेट की मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पंजाब में बिजली दरों में तीन रुपये प्रति यूनिट की कटौती की घोषणा की। नई दरें सोमवार से ही लागू हो जाएंगी। इस दौरान आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के मुफ्त बिजली के चुनावी वादे पर तंज कसते हुए चन्नी ने कहा कि उनकी सरकार के सर्वेक्षण से सामने आया कि लोग सस्ती बिजली चाहते थे, मुफ्त बिजली नहीं।
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह घोषणा की। चन्नी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “हम घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरों में तीन रुपए प्रति यूनिट की कमी कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि यह लोगों के लिए “दिवाली का एक बड़ा तोहफा” है। उन्होंने कहा कि यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू होगा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, लोग सस्ती बिजली चाहते थे।
मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि देश में यह सबसे कम बिजली का रेट होगा जो यहां लागू हो रहा है. उन्होंने कहा, “इस फैसले के बाद 100 यूनिट तक बिजली का दर 4.19 रुपए से घटकर 1.19 रुपए हो जाएगा। वहीं 100-300 यूनिट तक बिजली का रेट 7 रुपए से घटकर 4.01 रुपए और ऊपर यूनिट जाने पर बिजली का दर 5.76 रुपए प्रति यूनिट होगा।”
कर्मचारियों ने हड़ताल पर नहीं जाने का किया वादा- सीएम
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री चन्नी ने कहा, “दिवाली के मौके पर मैं राज्य सरकार के कर्मचारियों को एक तोहफा देना चाहता था। उन्हें आज तक ऐसा तोहफा नहीं मिला होगा। मेरे मुख्यमंत्री बनने से पहले से ही कर्मचारी हड़ताल पर थे. मैंने आज सुबह उनसे बात की थी। हमने इस तोहफे पर बातचीत की, कर्मचारियों ने मुझसे वादा किया कि जब तक यह सरकार सत्ता में है, वे हड़ताल पर नहीं जाएंगे, चाहे कुछ भी हो। किसी भी मुद्दे पर वे बैठकर सरकार के साथ बातचीत करेंगे।”
अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब सरकार ने महत्वपूर्ण कार्यों को निपटाने की योजना बनाई है। मुख्यमंत्री बनने के बाद चरणजीत सिंह चन्नी ने हर कैबिनेट बैठक में राज्य के ‘लोगों को तोहफा’ देने की योजना बनाई थी।
पंजाब में पिछले विधानसभा चुनाव में 4 जनवरी 2017 से और 2012 के चुनाव में 24 दिसंबर 2011 से आचार संहिता लागू हो गई थी। इसलिए इस साल अब अगले 2 महीनों के बाद कभी भी आचार संहिता लागू हो सकती है। ऐसे में नए मंत्रिमंडल के पास कल्याणकारी फैसलों के लिए सिर्फ 2 महीनों का समय है।