पंजाब : पंजाब में ड्रग माफिया को झटका लगा है! पुलिस की एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स ने केंद्रीय एजेंसी के साथ मिलकर एक बड़े ड्रग तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जिसमें 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह पुलिस की बड़ी कामयाबी है, जो राज्य में ड्रग तस्करी के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण कदम है।
डीजीपी गौरव यादव ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि पुलिस ड्रग तस्करी के खिलाफ सख्ती से लड़ाई लड़ रही है और इस तरह के अभियान आगे भी जारी रहेंगे। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान चंदन शर्मा, आकाश शर्मा, विशाल सिंह, अरविंदर सिंह, लवप्रीत सिंह, रिंकू थापर, भारत, दिव्यम, प्रथम और अंकुश भट्टी के रूप में हुई है।
Highlights:
पुलिस टीमों ने उनके कब्जे से 1 किलो हेरोइन, 381 ग्राम चरस, एक अत्याधुनिक ग्लॉक पिस्तौल सहित तीन पिस्तौल, 62 जिंदा कारतूस और दो खाली खोल, 48.7 लाख रुपये नकद, 262 ग्राम सोना और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं। डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि आरोपी व्यक्ति जालंधर, अमृतसर और लुधियाना में ड्रग नेटवर्क और ऑपरेशन चला रहे थे।
उन्होंने कहा कि जांच में पता चला है कि सीमा पार से ड्रग्स की तस्करी करने के बाद आरोपी व्यक्ति हवाला के जरिए पाकिस्तान स्थित ड्रग तस्करों को पैसे भेजते थे। उन्होंने कहा कि तकनीकी निगरानी और मानव खुफिया जानकारी का उपयोग करते हुए उन्नत तरीके से जांच की गई है, जो जटिल आपराधिक नेटवर्क से निपटने के लिए एएनटीएफ के रणनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में आगे की जांच जारी है, जबकि और गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है।
पुलिस ने एक महत्वपूर्ण अभियान में 1 किलो हेरोइन, 381 ग्राम चरस, तीन पिस्तौल (जिनमें एक अत्याधुनिक ग्लॉक शामिल है), 62 जिंदा कारतूस, 48.7 लाख रुपये नकद, 262 ग्राम सोना और कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं। डीजीपी गौरव यादव ने जानकारी दी कि आरोपियों का नेटवर्क जालंधर, अमृतसर और लुधियाना में फैला हुआ था, जो ड्रग्स की तस्करी कर रहे थे।
जांच से यह भी पता चला है कि ये लोग पाकिस्तान के ड्रग तस्करों को हवाला के जरिए पैसे भेजते थे। डीजीपी ने कहा कि तकनीकी निगरानी और मानव खुफिया जानकारी के माध्यम से इस जटिल नेटवर्क का पर्दाफाश किया गया है, जो हमारी एंटी-नारकोटिक्स रणनीति की सफलता को दर्शाता है। उन्होंने आगे बताया कि इस मामले की जांच जारी है और भविष्य में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
यह अभियान न केवल कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने का एक प्रयास है, बल्कि हमारे समाज को नशे की बुराइयों से मुक्त करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।