कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह और उसके साथियों पर पुलिस की कार्रवाई के बीच अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने रविवार को कहा कि सरकारों को ‘‘राजनीतिक हितों के लिए आतंक का माहौल’’ बनाने से बचना चाहिए।
सिखों की शीर्ष संस्था अकाल तख्त के जत्थेदार ने कहा कि सरकारों को उन युवाओं के ‘‘उत्पीड़न और अवैध हिरासत की कवायद’’ से बचना चाहिए जो लोकतांत्रिक तरीके से अपने अधिकारों के लिए बोलते हैं। उन्होंने जोर दिया कि पंजाब पहले ही काफी कुछ भुगत चुका है तथा अब उसका बेहतर भविष्य की ओर बढ़ना जरूरी है।
सिख उपदेशक अमृतपाल और उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़े लोगों के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई के बीच उनका यह बयान आया है। पुलिस ने 78 लोगों को गिरफ्तार करने का दावा किया है, लेकिन अमृतपाल अब भी फरार है।
जत्थेदार ने कहा, ‘‘पंजाब की यादों में पिछली सरकारों के जुल्म के गहरे घाव हैं और कोई भी सरकार सुधारात्मक उपाय करने के लिए कभी गंभीर नहीं रही।’’
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘इस संदर्भ को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि विभिन्न सरकारों द्वारा किए गए भेदभाव और ज्यादतियों को लेकर सिख नौजवानों में काफी असंतोष है। लेकिन बड़ी ताकतें ऐसी भी हैं जो सिख नौजवानों को दिशाहीन और बलि का बकरा बनाने के लिए उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करने के मौकों की लगातार ताक में रहती हैं।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारों की ‘‘सिखों को धार्मिक और राजनीतिक रूप से कमजोर करने की नीति सिखों के बीच एक खालीपन और अशांति पैदा करती है’’ और यह तरीका न तो सरकारों और न ही पंजाब के हित में है।