लुधियाना-अमृतसर: सिखों की सर्वोच्च संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने आज तख्त श्री दमदमा साहिब के पूर्व सिंह साहिबान जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह के श्री हरिमंदिर साहिब नजदीक स्थित रिहायशी स्थल का बिजली-पानी का कनेक्शन काट दिया है। ज्ञानी गुरमुख सिंह आजकल हरियाणा स्थित जींद के गुरुद्वारा धमधान साहिब में बतौरे हैड ग्रंथी सेवाएं निभा रहे हैं, जिस कारण शिरोमणि कमेटी द्वारा उनके अमृतसर स्थित घर को खाली करवाया जा रहा है। तख्त श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी गुरमुख सिंह ने शिरोमणि अकाली दल के प्रधान और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर आरोप लगाए है कि उनके इशारे के उपरांत शिरोमणि कमेटी के सदस्यों ने उपरोक्त कार्यवाही की है और उनपर कमरा खाली करने के हुकम सुनाएं है। ज्ञानी गुरमुख सिंह की पत्नी का भी कहना है कि उनके पति को सच बोलने की सजा मिल रही है।
सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब के मैनेजर ने उन्हें घर खाली करने का आदेश दिया है। जबतक वह घर खाली नहीं करेंगे तब तक बिजली और पानी कनेक्शन कटा रहेंगा। उनका यह भी कहना है कि भले ही ज्ञानी गुरमुख सिंह का तबादला हरियाणा स्थित जींद में कर दिया गया परंतु कानून अनुसार उनके बेटे की परीक्षाओं तक वह यही रह सकते है लेकिन एसजीपीसी की इस कार्यवाही ने उनको 1984 की याद ताजा करवाई है क्योंकि जून 1984 के दौरान पहली बार श्री हरिमंदिर साहिब कोम्पलैक्स की बिजली और पानी ततकालीन हुकमरानों द्वारा काट दी गई थी। उनका यह भी कहना था कि ज्ञानी गुरमुख सिंह के पिता दिल के मरीज है और माता जी को ब्रेन अटैक हो चुका है।
ऐसे हालात में अगर उनके परिवारिक सदस्यों का किसी भी प्रकार का नुकसान हुआ तो इसकी समस्त जिम्मेदारी शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल और एसजीपीसी अध्यक्ष प्रो. कृपाल सिंह बडूंगर और मैनेजर सुलखन सिंह की होंगी। जिक्रयोग है कि भाई गुरमुख सिंह को दरबार साहिब के अंदर कमरा रहने को मिला हुआ है, जहां वह अपने परिवार समेत रह रहे है। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल पर आरोप लगाए है कि उनसे ऊपरी इशारे पर यह सब किया जा रहा है। ज्ञानी गुरमुख सिंह का यह भी कहना है कि उन्होंने वो सब सच संगत के सामने उजागर कर दिया था कि सुखबीर सिंह बादल के कहने पर मेरे ऊपर दबाव बनाकर सिरसा प्रमुख राम रहीम को माफ करवाया गया था। उन्होंने कहा कि इस सच के उजागर होने उपरांत सुखबीर सिंह बादल ऐसा दबाव बना रहे है।
सिंह साहिब ज्ञानी गुरमुख सिंह ने यह भी कहा कि उन्होंने पूरी जिंदगी में कोई भी जमीन-जायदाद नहीं बनाई और ना ही उनके पास अपना रहने को घर है। उन्होंने एक प्रश्र चिन्ह खड़ा करते हुए कहा कि वह अपने परिवार को इस वक्त कहां ले जाकर रहें? जिक्रयोग हे कि पिछले ही दिनों सिरसा प्रमुख के माफीनामे के मुददे पर पंज प्यारों के सामने जत्थेदार गुरमुख सिंह अपना स्पष्टीकरण देने के मामले में पेश हो चुके है, जिनका फैसला आगामी कुछ ही दिनों में आने की संभावना प्रबल है। इसी सच के उजागर होने के डर के कारण शिरोमणि कमेटी के पदाधिकारी भारी दबाव में है। अब देखना यह होगा कि सियासी दबाव के चलते जत्थेदार को घर खाली करना पड़ता है या संगत इस मुददे पर शिरोमणि कमेटी के ऊपर दबाव बनाने में कामयाब रहेंगी।
– सुनीलराय कामरेड