लुधियाना-फगवाड़ा : फगवाड़ा में एक दिन पहले अंबेडकर सेना मूल निवासी के प्रधान और दलित नेता हरभजन सुमन को मारपीट के आरोपों के तहत फगवाड़ा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के उपरांत दलित समाज द्वारा फगवाड़ा पुलिस कप्तान के मुख्यालय के सामने रोष पूर्ण धरना-प्रदर्शन किया गया था।
अदालत ने हरभजन सुमन को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा था। जिसके चलते हरभजन सुमन के वकीलों ने उनकी जमानत के लिए अपील अदालत में लगाई थी। मोके से प्राप्त जानकारी के मुताबिक पुलिस ने अदालत को बयान में बताया कि उनके केस में किसी भी प्रकार के कोई पुख्ता सबूत नहीं है। पुलिस की गवाही को देखते हुए हरभजन सुमन को अदालत ने बरी कर दिया।
हरभजन सुमन पर एक बुजुर्ग व्यक्ति ने आरोप लगाए थे कि घटना के दिन उसकी रिहायशी स्थल पर उससे बेरहमी के साथ मारपीट की थी। सिविल अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल बुजुर्ग पवन कुमार ने अपनी शिकायत में कहा था कि हरभजन सुमन की अगुवाई में एक भीड़ उसके बेटे को ढूंढते हुए उसके घर आई। पारिवारिक सदस्यों ने उसे एक कमरे में छिपाकर जान बचाई। पवन कुमार को जब वह समझाने का यत्न कर रहे थे तो उनके साथ आई भीड़ ने उस पर बेरहमी से हमला कर दिया, जिससे वह जख्मी हुआ।
इसी संबंध में फगवाड़ा पुलिस ने मामला दर्ज करके अदालत के आदेश उपरांत हरभजन सुमन को 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इसी मामले में हिंदू संगठनों के 4 आगु पहले से ही जेल में है। जरनल समाज के आगु भी हरभजन सुमन समेत अन्य की गिरफतारी की मांग कर रहे थे।
– सुनीलराय कामरेड
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