लुधियाना-अमृतसर : सरबत खालसा के सिंह साहिबान ने आज बड़ी कार्यवाही करते हुए न्यूजीलेंड में रहने वाले हरनेक सिंह नेकी को गुरबाणी और गुरू इतिहास के खिलाफ टिप्पणियों के आरोपों के चलते पंथ से खारिज कर दिया। इस बाबत श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार भाई ध्यान सिंह मंड, तख्त श्री दमदमा साहिब के बलजीत सिंह दादूवाल और अन्य तीन जत्थेदारों ने पंथ- गुरूमति की रोशनी में हरनेक सिंह नेकी के खिलाफ अहम फैसला सुनाया।
जत्थेदारों के मुताबिक नेकी लंबे समय से विदेशी धरती पर रेडियो के माध्यम से सिख सिद्धांतों के खिलाफ प्रचार कर रहा था। भाई ध्यान सिंह मंड ने श्री अकाल तख्त साहिब पर हुई इकत्रिता के पश्चात कहा कि नेकी गुरू साहिबान, सिख इतिहास और सिख शख्सियतों के खिलाफ लंबे समय से घिनौना प्रचार कर रहा है, जिस संबंध में अनेकों सिख संगठनों द्वारा उसके खिलाफ प्रस्ताव भी पास हुए है।
उन्होंने कहा कि उनके पास पहुंची शिकायतों के मध्यनजर मर्यादा के मुताबिक पंथ विरोधी कार्यवाही के कारण उसे सिख पंथ से खारिज किया गया है। उन्होंने कहा कि कोई भी सिख अगर उसके साथ किसी भी प्रकार का भविष्य में रोटी या फिर बोटी की सांझ रखेंगा, तो उसके साथ ऐसी कार्यवाही हो सकती है। 6 जून को श्री अकाल तख्त साहिब पर होने वाले विवाद पर उन्होंने कहा कि वह पंथ की भलाई की खातिर हर प्रकार के समझौते के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि 6 जून को श्री अकाल तख्त साहिब पर होने वाले समारोह के दौरान भाई ध्यान सिंह मंड कौम के नाम शांतमयी तरीके से संदेश पढ़ेगे।
उधर सिखों की सर्वोच्च संस्था श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिबान ज्ञानी गुरबचन सिंह ने भी हरनेक सिंह नेकी को निंदक करार देते हुए सिख संगत को उसके खिलाफ कार्यवाही करने के लिए इकटठी होने की अपील की है। इसके साथ ही इस संबंध में जत्थेदार ने सुप्रीम सिख कोंसल की डयूटी लगाई है कि वे न्यूजीलेंड के समूह सिख संगठनों और सिख संगत को लेकर उसके विरूद्ध सख्त कार्यवाही करें।
– सुनीलराय कामरेड
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