लुधियाना-अमृतसर : मानयोग पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के डबल बैंच द्वारा दिए गए आदेशों पर नगर निगम अमृतसर की टीम ने स्थानीय पुलिस की मदद से श्री हरिमंदिर साहिब के नजदीक बने अवैध होटलों पर आज कार्यवाही शुरू कर दी। नगर निगम की टीम द्वारा अभी एक ही होटल को सील किया गया था कि होटल मालिकों ने इकटठे होकर शोर मचाना शुरू कर दिया।
इस दौरान होटल वालों ने अपने-अपने समर्थकों और कर्मचारियों को साथ लेकर धरना प्रदर्शन करते हुए नगर निगम की कार्यवाही का विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान एक होटल मालिक को दिल का दौरा भी पड़ा, जिसको फटाफट एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया। खबर लिखे जाने तक होटल वालों और निगम टीम के मध्य स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई थी।
स्मरण रहे कि पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार द्वारा श्री हरिमंदिर साहिब के नजदीक अवैध तोर पर बने होटलों को रेगुलर करने के लिए बनाए गए ‘अमृतसर वाल्ड सिटी अमेंडमेंट एक्ट 2019’ पर रोक लगाते हुए श्री हरिमंदिर साहिब के नजदीक अवैध तौर पर बने होटलों, धर्मशालाओं व अन्य व्यापारी इमारतों के पानी-सिवरेज और बिजली कनेक्शन 24 घंटों में कटवाने के लिए जिला डिप्अी कमीश्रर को हुकम जारी किए है और इन्ही आदेशों को पालन करते हुए डिप्टी कमीश्रर ने नगर निगम कमीश्रर को 24 घंटे में गोल्डन टेंपल कोरिडोर यानी गलियारा के पास हुए अवैध निर्माणों के पानी व बिजली के कनेक्शन काटने के निर्देश दे दिए हैं।
हाईकोर्ट ने निकाय विभाग के प्रिसिपल सचिव की जवाबदेही तय करते हुए उन्हें हाईकोर्ट के आदेशों को अमलीजामा पहनाने को कहा है। साथ ही गलियारा में किसी भी प्रकार के अवैध निर्माण पर पूर्ण रूप से रोक के भी निर्देश दिए हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए डीसी शिवदुलार सिंह ढिल्लों ने निगम कमिश्नर कोमल मित्तल और पंजाब स्टेट पावर कारपोरेशन के चीफ इंजीनियर संदीप कुमार सूद को कल से ही कार्रवाई करने के आदेश जारी कर दिए हैं। स्मरण रहे कि पंजाब राइट्स आर्गनाइजेशन के प्रधान पूर्व जस्टिस अजीत सिंह बैंस के नेतृत्व में संस्था के चीफ इंवेस्टीगेटर एडवोकेट सर्बजीत सिंह वेरका 2010 से पूरे मामले की पैरवी कर रहे हैं।
पंजाब सरकार द्वारा रेगुलाइजेशन एक्ट लाने के बाद वेरका ने उसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर हाईकोर्ट ने सोमवार को जारी किए गए आदेशों में संशोधित एक्ट पर स्टेट लगाते हुए इसे अवैध निर्माणों को प्रोत्साहन देने वाला करार दिया। नौ पेजों के आर्डरों में हाईकोर्ट ने बकायदा इसका जिक्र किया कि किस तरह से 2010 में 105 निर्माण पहले 125, फिर 214 और अब 352 हुए।
एडवोकेट वेरका ने बताया कि 2012 में हाईकोर्ट के गलियारा के आसपास अवैध निर्माणों पर रोक लगाई हुई है। इसके बावजूद अवैध निर्माणों का सिलसिला न सिर्फ दिन-ब-दिन अधिकारियों की मिलीभगत से बढ़ा है। आज भी पचास के लगभग अवैध निर्माण चल रहे हैं, जिस पर एमटीपी विभाग आंखें मूंदे हुए है।
– सुनीलराय कामरेड