डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत राम रहीम की बेबी डॉल हनीप्रीत को लेकर नया खुलासा हुआ है बता दे की अभी हाल में ही बेबी डॉल को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया और कोर्ट में रिमांड की अपील की । जिसके बाद कोर्ट ने भी बेबी डॉल को 6 दिन रिमांड पर भेज दिया था। वही पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि हनीप्रीत फर्जी नाम से मोबाइल सिम और फेसबुक भी चला रही थीं।
आपको बता दे की हनीप्रीत का एक तीसरा नाम भी है। इसी नाम पर उसका एक फेसबुक अकाउंट भी है। तीसरे नाम पर ही उसका एक फर्जी सिम कार्ड भी था। हालांकि, कुछ दिनों पहले उस फेसबुक अकाउंट से तमाम जानकारियां हटा दी गईं। डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत राम रहीम की बेबी डॉल हनीप्रीत के दो नहीं बल्कि तीन नाम थे। आपको बता दें कि गुरमीत राम रहीम द्वारा गोद लेने से पहले वह प्रियंका तनेजा थीं। बाद में गुरमीत ने उसे हनीप्रीत नाम दिया। अब तीसरे नाम गुरलीन इंसां की चर्चा हो रही है।
दरअसल हरियाणा पुलिस की एसआईटी हनीप्रीत के इस नाम की सच्चाई की जांच कर रही है। हनीप्रीत ने इसी नाम से एक मोबाइल सिम लिया था। नाम बदल कर सिम लेने के पीछे उसका मकसद क्या था, अब पुलिस के लिए जांच का विषय है।
दरअसल इंडियन फिल्म ऐंड टेलिविजन डायरेक्टर्स असोसिएशन (आईएफटीडीए ) मुंबई की ओर से हनीप्रीत की सदस्यता खत्म हो गई है। इस सर्टिफिकेट में हनीप्रीत ने जो अपना नंबर दर्ज किया था वह गुरलीन इंसां के नाम से था। इस नंबर से वह एक फेसबुक आईडी ऑपरेट कर रही थी। पुलिस ने बताया कि इस आईडी को कुछ दिनों पहले डिलीट कर दिया गया। हनीप्रीत के जब इस नंबर की पड़ताल की गई तो पता चला कि यह पानीपत का नंबर था।
हनीप्रीत ने एक मोबाइल नंबर के जरिए इस फर्जी फेसबुक अकाउंट को बनाया था। मगर हैरान करने वाली बात तो यह है कि गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद इस फेसबुक अकाउंट की तमाम जानकारियां डिलीट कर दी गईं।
हरियाणा एसआईटी हनीप्रीत के इस तीसरे नाम की सच्चाई जांच रही है. दूसरी तरफ, साइबर एक्सपर्ट यह जांच कर रहें है कि कहीं पुलिस से छिपने के दौरान हनीप्रीत इस फेसबुक अकाउंट की मदद से ऑडियो और वीडियो कॉल्स तो नहीं कर रही थी
साइबर एक्सपर्ट का मानना है कि हनीप्रीत शायद नाम बदलकर फेसबुक ऑपरेट करती हों। साथ ही यह भी हो सकता है कि हनीप्रीत का यह नंबर जिस किसी के भी पते पर था, उसने जीआई के नाम से सेव किया हो।
पुलिस के मुताबिक हनीप्रीत ने 1.25 करोड़ रुपये डेरा सच्चा सौदा के पंचकूला ब्रांच को दिए थे। पुलिस का कहना है कि पंचकूला दंगा पहले से ही फिक्स था।
इसकी मास्टरमाइंड हनीप्रीत थीं। उसने सवा करोड़ रुपये इसलिए दिए थे कि अगर बाबा दोषी करार दिए जाए तो डेरा समर्थक वहां दंगा करे। इस बात की पुष्टि बाबा के चालक राकेश कुमार ने पुलिस की पूछताछ के दौरान की थी। राकेश अभी पुलिस की हिरासत में है।