लुधियाना-मंडी किलियांवाला : कृषि मंडी तोडक़र ‘एक देश-एक मंडी’ बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए 3 संशोधन और बिजली संशोधना बिल 20-20 का प्रस्ताव रदद करवाने की मांग को लेकर पंजाब के किसानों और मजदूरों ने कड़े संघर्ष का रूख अख्तियार कर लिया है। किसान संघर्ष कमेटी सैकड़ों वर्करों के साथ जहां अमृतसर, जालंधर और अन्य शहरों और कस्बों में पंजाब के सांसद सदस्यों का घेराव कर रहे है, वही शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और प्रकाश सिंह बादल की रिहायशी स्थल का घेराव करने पहुंचे कई घंटों की पुलिसिया रोक के बाद किसान, मजदूर और महिलाओं ने सडक़ पर ही रोष प्रकट करते धरना प्रदर्शन किया। कृषि ऑडीनेस के खिलाफ बादलों के दरवाजे पर पहुंचे संघर्ष कमेटी के सदस्य कोविड-19 के चलते सामाजिक दूरी की उल्लंघना के कारण कानूनी शिकंजे में घिर गए है।
लंबी पुलिस ने कोरोना महामारी को नजरअंदाज करने के खिलाफ संघर्ष कमेटी के सूबा प्रधाना, महासचिव और 12 अन्य आगुओं को नामजद करके 5 व 6 अन्य लोगों के खिलाफ महामारी रोग एक्ट 1897 के अंतर्गत धारा 188, 269 और 270 के अंतर्गत अलग-अलग मुकदमें दर्ज किए है। दोनों मुकदमों में कालझरानी और खियूआवाली के रास्तों पर रूकावट के आधार बनाकर कानूनी इबारत रची गई है। पुलिस की लाठियों से जख्मी हुए धर्म सिंह को भी बतोरे मुलाजिम शामिल किया गया है।
उधर संघर्ष कमेटी के सदस्यों ने भी तीखे संघर्ष की कड़ी के लिए पक्के मोर्चे का ऐलान किया है। सूबा प्रधान सतनाम सिंह पन्नू और महासचिव स्वर्ण सिंह पंधेर ने किसानों पर लंबी थाने में दर्ज मुकदमों की निंदा करते हुए कृषि संधोशन बिल को रदद किए जाने की मांग की है।
– सुनीलराय कामरेड