लुधियाना/अजनाला : दो साल पहले तरनतारन की पावन धरती ‘चब्बे ’ में हुए सरबत खालसा के दौरान सिख संगत द्वारा तखत श्री केसगढ साहिब के नियुक्त जत्थेदार भाई अमरीक सिंह अजनाला ने आज श्री अकाल तखत साहिब के नियुक्त कार्यकारी जत्थेदार सिंहसाहिब भाई ध्यान सिंह मंड और तखत श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार भाई बलजीत सिंह दादूवाल से किनारा करते हुए आने वाले समय में सिख मामलों से संबंधित सरबत खालसा के जत्थेदारों की होने वाली अहम बैठकों में हिस्सा न लेने का फैसला किया है। इस अवसर पर भाई अजनाला ने स्पष्ट किया कि सिख संगत चाहे तो तखत श्री केसगढ साहिब का जत्थेदार किसी अन्य सिख विद्वान को नियुक्त कर सकती है। उन्होंने अजनाला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह भी कहा कि 10 नवंबर, 2015 को सरबत खालसा की संगत ने जिन उम्मीदों से उन्हें तखत श्री केसगढ साहिब के जत्थेदार की सेवा बखशी थी, वह उसे पूर्ण नहीं कर सके। उन्होंने कहा कि मैं अपनी व्यस्तातओं के चलते सिख कौम द्वारा दिये गए जिम्मेदारी से स्वयं को काबिल नहीं समझता।
उन्होंने कहा कि मैं अपने द्वारा अपनी कारगुजारी पर अफसोस व्यक्त करता हूं कि दो साल के दौरान सिख पंथ की उम्मीदों पर पूरा नहीं उतर सका। उन्होंने यह भी कहा कि वह किसी सहयोगी जत्थेदारों पर किसी प्रकार की टिप्पणी या आरोप नहीं लगा रहे लेकिन अपनी व्यस्ताओं के कारण आने वाली बैठक में शामिल नहीं हो सकते। जत्थेदार अजनाला द्वारा अपने अन्य साथी जत्थेदारों को फतेह बुलाये जाने की चर्चा कुछ वक्त पहले शुरू हो गई, जिस वक्त गुरूद्वारा छोटा घुल्लुघारा की प्रबंधक कमेटी के प्रधान मास्टर जौहर सिंह को सरबत खालसा के जत्थेदार द्वारा श्री अकाल तखत साहिब पर तनखवाह लगाए जाने संबंधी तलब किया गया था। मास्टर जौहर सिंह को पेश को लेकर एसजीपीसी व सरबत खालसा समर्थक आमने सामने हो गए थे। वाद विवाद हाथोपाई, लाठी व किरपाणों से चलकर प्रदर्शन तक बात आ गई थी। जिसे बडी मुश्किल से संभाला जा सका। उसी दिन से जत्थेदार अजनाला ने एसजीपीसी के कर्मचारियों को निवेदन किया था कि अब सिख भाईचारे में कत्लेआम की तरफ नहीं बढना।
मास्टर जौहर ने धार्मिक सजा पूरी कर ली। हालांकि यह भी खबर है कि जत्थेदार अजनाला भाई रणजीत सिंह ढडरिया के मुद्दे को लेकर भी सरबत खालसा के जत्थेदारों से नाराज चल रहे है। इसी संबंध में कल भाई अजनाला को मनाने के लिए गुरमति विद्यालय अजनाला में यूनाईटिड अकाली दल के प्रधान भाई मोहकम सिंह, गुरदीप सिंह भटिंडा, सतनाम सिंह मनावा, परमजीत सिंह जजियाणी समेत वस्सण सिंह जफरवाल विशेष तौर पर पहुंचे थे। उन्होंने भाई अजनाला को बहुत समझाने का प्रयास किया। सूत्रों के अनुसार भाई अजनाला टस से मस न हुए जिसके बाद निराशा में सिख आगू वापस आ गए। आखिर सरबत खालसा के जत्थेदारों ने आज सोमवार को होने वाली अपनी श्री अकाल तखत साहिब की मीटिंग को भी जत्थेदार ध्यान सिंह मंड की तबीयत का हवाला देकर अनिश्चिकाल के लिए मुलतवी कर दिया। आज की बैठक में अन्य सिख मसलों के अलावा एसजीपीसी की पूर्व प्रधान बीबी जागीर कौर के खिलाफ मिली शिकायतों को आधार बनाकर उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए फैसला सुनाया जाना था।
– सुनीलराय कामरेड