पंजाब के पूर्व डीजीपी मोहम्मद मुस्तफा विवादित बयानों की वजह से मुश्किलों में आ गए हैं। रविवार को उनके विवादित वीडियो के आधार पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। इस बीच, मुस्तफा का एक और वीडियो सामने आया है। इसमें वे एक सभा को संबोधित कर रहे हैं और कह रहे हैं कि यदि कोई विधायक मलेरकोटला नगर पालिका का गैर मुस्लिम अध्यक्ष बनाता है तो वह 'कौम से गद्दारी' है। ये वीडियो पुराना बताया जा रहा है।
बता दें कि मुस्तफा की पत्नी रजिया सुल्ताना चन्नी सरकार में वित्त मंत्री हैं और इस समय विधानसभा चुनाव में मलेरकोटला से कांग्रेस की प्रत्याशी हैं। जबकि मुस्तफा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के रणनीतिक सलाहकार हैं और काफी करीबी माने जाते हैं। मुस्तफा का ये दूसरा वीडियो भी काफी वायरल हो रहा है और लोग ये धार्मिक साम्प्रदाय से जोड़कर देख रहे हैं।
चुनाव आयोग से शिकायत करेगी भाजपा
मोहम्मद मुस्तफा के घृणित भाषण के खिलाफ मुखर हुई भाजपा ने इसके विरोध में भारतीय चुनाव आयोग में शिकायत करने का फैसला किया है। साथ ही पार्टी पंजाब का माहौल बिगाड़ने और दंगा भड़काने को लेकर बनती धाराओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग करेगी। पार्टी ने कहा कि इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को आगे आकर जवाब देना होगा।
भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी बताएं कि मोहम्मद मुस्तफा को मोहरा बनाकर पंजाब में वो कौन से हालात पैदा करना चाहते हैं? क्या पंजाब को कश्मीर बनाना चाहते हैं? क्या पंजाब में फिर से 80 के दशक जैसा हालात पैदा करने चाहते हैं? क्या पंजाब में सिर्फ एक विशेष कौम के लिए जलसे का अधिकार है?
मुस्तफा के इस वीडियो के खिलाफ भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता शाजिया इल्मी ने ट्वीट कर लिखा कि यह हेट स्पीच है। मुस्तफा सांप्रदायिक दंगे भड़काकर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं। शाजिया इल्मी ने इसके साथ ही चुनाव आयोग से मुस्तफा के बयान पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने की मांग की और रजिया सुल्ताना के मालेरकोटला से चुनाव लड़ने पर रोक लगाए जाने की भी मांग की है।
कांग्रेस सांसद बिट्टू ने की माफी की मांग
लुधियाना से कांग्रेस सांसद रवनीत बिट्टू ने मुस्तफा का वीडियो ट्वीट किया और कहा कि पंजाब के पूर्व डीजीपी और एक कांग्रेस वर्कर के रवैये और भाषा सुनकर उन्हें झटका लगा है। पंजाब धार्मिक सौहार्द का शानदार उदाहरण है, जहां सिख, हिंदू, ईसाई और मुस्लिम एक समुदाय की तरह रहते हैं। मुस्तफा का बयान न केवल सांप्रदायिक सौहार्द के लिए नुकसानदेह है बल्कि कांग्रेस के सेक्युलर आदर्श के भी उलट है। हिंसा के इस उकसावे को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। कोई भी चुनाव पंजाब की शांति से बड़ा नहीं है। मुस्तफा को माफी मांगनी चाहिए। वहीं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर रंधावा ने प्रत्यक्ष रूप से कुछ न कहकर सिर्फ इतना कहा कि पंजाब एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है और यह सभी समुदायों से समान रूप से संबंधित है।
आप ने की निंदा
आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने कहा कि पूर्व डीजीपी मुस्तफा द्वारा भड़काऊ टिप्पणी का उद्देश्य पंजाब की शांति, सद्भाव, कानून व्यवस्था को बिगाड़ना है। मुस्तफा कोई सामान्य आदमी नहीं हैं, वे कांग्रेस मंत्री रजिया सुल्ताना के पति हैं, सीएम चन्नी के करीबी सहयोगी हैं और पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू के सलाहकार हैं। उनकी टिप्पणी पंजाब, पंजाबी, पंजाबियत के खिलाफ है।
क्या कह रहे हैं मुस्तफा
वायरल वीडियो में मोहम्मद मुस्तफा यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि ‘मैं अल्लाह की कसम खाकर कहता हूं कि इनका कोई जलसा नहीं होने दूंगा। मैं कौमी फौजी हूं और आरएसएस का एजेंट नहीं हूं, जो डरकर घर में घुस जाऊंगा। अगर दोबारा इन्होंने ऐसी हरकत की तो खुदा की कसम घर में घुस कर मारूंगा। मैं आज सिर्फ वार्निंग दे रहा हूं। मैं वोटों के लिए नहीं लड़ रहा, बल्कि कौम के लिए लड़ रहा हूं। मैं पुलिस और प्रशासन को यह बता देना चाहता हूं कि अगर फिर से ऐसी हरकत हुई और मेरे जलसे के बराबर में हिंदुओं को जलसे की इजाजत दी गई तो ऐसे हालात पैदा करूंगा कि संभालना मुश्किल हो जाएगा।’