लुधियाना-फाजिलका : ‘ बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ ’ और ‘स्वच्छ भारत ’ मिशन के तहत सीमा सुरक्षा बल और भारतीय हवाई सेना की महिला आधिकारियों और सीमा प्रहरियों द्वारा गुजरात से 1400 किलोमीटर का सफर तय करके देश के सरहदी गाँवों की औरतो और बेटियों के अधिकारों प्रति निकाली जा रही कैमल सफारी यात्रा के तहत आज पंजाब आगमन के दौरान फाजिल्का सैक्टर की अंतरराष्ट्रीय सरहद के गाँव रूप नगर में पहुंचने पर भरपूर स्वागत किया गया। महिला अधिकारियों के माथे पर जहां भारतीय सभ्यता के अनुसार तिलक लगाकर और पुष्प वर्षा करके जयकारों के बीच उनकी हौसला अफजाई की गई वही इस रैली में शामिल होने वाली महिलाएं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रही थी।
यह समूह भारत-पाकिस्तान सीमावर्ती गांव बारेका ,शहतीर वाला में पहुंची तो महिला कममंडो द्वारा अपने हुनर के जौहर दिखाऐ गए, आसपास के दर्जनों गांवों की अनपढ़ महिलाओं और बुजुर्ग मांओं ने जहां जुग-जुग जिओं के आर्शीवाद दिए वही उनके हुनर और ताकत के प्रदर्शनों को देखकर दांतों तले उंगलियां दबाई। इस मौके पर सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियो द्वारा लोगों को लड़कियों के अधिकारों प्रति जागरूक होने के लिए प्रेरित किया ।
कैमल सफारी यात्रा का नेतृत्व कर रही भारतीय हवाई सेना की अधिकारी अनूष्का ल्यूमस ने बताया कि उनको इससे एक अलग तरह का तजुर्बा हासिल हुआ है, उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान उन्हें कई ऐसे गाँव भी देखने को मिले जहाँ 100 -100 साल हो गए बारात नहीं आई, उन्होंने बताया कि राजस्थान के कई गाँवो में औरतो की काफी समस्याऐ हैं लेकिन पंजाब में इस तरह की समस्या कम है और लोगो के पास मौका है कि वह पंजाब को तरक्की की तरफ ले कर जाएँ ।
इस मौके सीमा सुरक्षा बल की 90 बटालियन के कमांडर एम.पी सिंह ने बताया कि देश की महिला आगे बढ़ रही है लेकिन कई इलाके ऐसे हैं जहाँ कई समस्याएं है लेकिन आज के समय में जो पढ़ेगा वह ही आगे बढ़ेगा, उन्होंने कहा कि आज हर किसी को सिर्फ बराबर का दर्जा देने की जरूरत है ।
इस कैमल सफरी यात्रा के फाजिल्का अंतरराष्ट्रीय सरहन्द के गाँव रूप नगर में पहुंचने पर एक देश भक्ति का प्रोगराम स्कूल में करवाया गया जहाँ स्कूल की एक छात्रा ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया तो कश्मीर भारत का हिस्सा रहेगा लेकिन पाकिस्तान नहीं रहेगा।
इस मौके स्कूली छात्रा कविता ने बताया कि भारत की फौज एक मजबूत फौज है और जिस लिये उसे किसी तरह का खतरा नहीं है और वह पूरी तरह साथ अपने देश में महफूज है और वह भी इन महिला आधिकारियों की तरह पढक़र अफसर बनेगी ।
जब सीमा सुरक्षा बल की जांबाज महिला कमांडो द्वारा सरहदी गाँव वासियें के सामने अपने जौहर का प्रदर्शन किया जा रहा था उस समय गाँव की औरतें उनके जौहर अपने घुंगट में देखते नजर आई और जब औरतो से पूछा गया कि वह घूंघट क्यों नहीं उठाते तो उन्होंने बताया कि उन को इस की इजाजत नहीं है ।
– सुनीलराय कामरेड , रीना अरोड़ा