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कुंवर विजय प्रताप की SIT में वापसी से पीडि़त परिवार खुश लेकिन बादल बोले, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और ना ही मैं जेेेल जाने से डरता हूं

लोकसभा चुनाव के दौरान विवाद का केंद्र रहे आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह बहिबलकलां और कोटकपूरा गोलीकांड की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (सिट) से पुन: जुड़ गए हैं

लुधियाना-कोटकपूरा : लोकसभा चुनाव के दौरान विवाद का केंद्र रहे आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह बहिबलकलां और कोटकपूरा गोलीकांड की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (सिट) से पुन: जुड़ गए हैं। इसी संबंध में कुंवर विजय प्रताप सिंह की वापिसी की खबर जब पीडि़त परिवारों, पंथ दर्दियों और आम  लोगों में पहुंची तो खुशी का माहौल है।
 जबकि दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से पूूूूछा गया तो उन्होंने कुटिल मुस्कान भरे लहजे से कहा कि इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। उनके मुताबिक कांग्रेस का एक ही उद्देश्य है कि उनके खिलाफ कुछ कहलाया जाए, लेकिन हमें उनका कोई डर नहीं है। ‘सिट’  उनके खिलाफ कुछ भी कर दे वह न तो जेल से डरते हैं और न ही किसी अन्य से।
कोटकपूरा के गांव सरावा में शहीद हुए नौजवान गुरजीत सिंह बिटटू के पिता साधु सिंह और गांव नियामीवाला के शहीद किशन भगवान सिंह के पुत्र सुखराज सिंह ने बताया कि चाहे पहले तत्कालीन बादल सरकार ने भी जस्टिस जौरा सिंह की अगुवाई में जांच कमीशन और एडीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता की अगुवाई में एसआइटी गठित की थी लेकिन पीडि़त परिवारों के जख्मों पर मलहम लगाने में कोई भी आस दिखाई ना दी। 
उन्होंने बताया कि इसके बाद  जस्टिस मार्ककंडे काटजू की अगुवाई में पीपल कमीशन ने भी र्निपक्ष जांच करके बादल सरकार को सौंपी और बादल सराकर ने जस्टिस जोरा सिंह की तरह उसे भी मानने से इंकार कर दिया। कैप्टन सरकार ने जस्टिस रंजीत सिंह कमीशन का गठन किया और उसकी जांच रिपोर्ट की गहनता तक पहुंचाने के लिए एडीजीपी प्रमोद भान और आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह की अगुवाई में एसआइटी बनाई ताकि पीडि़त परिवार को इंसाफ मिल सकें। उन्होंने दुख प्रकट किया कि बादलों ने पीडि़त परिवार की हालत पर रहम करने की बजाए एसआइटी की जांच में रूकावट डालने का प्रयास किया।
स्मरण रहे कि अक्टूबर 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के बाद बहिबलकलां और कोटकपूरा में सिखों में प्रदर्शन किया था। बहिबलकलां में पुलिस फायरिंग के दौरान दो युवकों की मौत हो गई थी। उस समय प्रकाश सिंह बादल मुख्यमंत्री थे, जबकि गृह विभाग सुखबीर सिंह बादल के पास था। कुंवर विजय प्रताप इसकी जांच के लिए बनी सिट केे सदस्य हैं। चुनाव के दौरान कुंवर विजय प्रताप शिअद के निशाने पर रहे थे। पूर्व कैबिनेट मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया ने कुंवर पर तीखा हमला भी बोला था। इसके कारण पंजाब सरकार ने मजीठिया पर मानहानि का केस भी किया हुआ है।
बठिंडा से हरसिमरत कौर को जिताने पर धन्यवाद के लिए गांवों में पहुंचे बादल ने कैप्टन पर बदलाखोरी की राजनीति करने का आरोप लगाया। कहा कि वह ऐसा पहले भी करते थे। 
– सुनीलराय कामरेड

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