कांग्रेस की पंजाब इकाई के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ को एक टीवी साक्षात्कार के दौरान कथित तौर पर दलितों के खिलाफ ”आपत्तिजनक भाषा” का उपयोग किए जाने को लेकर बुधवार को विरोध का सामना करना पड़ा। इस मामले में एक तरफ जहां दलित कार्यकर्ताओं ने जाखड़ का पुतला फूंका, वहीं कांग्रेस के एक नेता ने जाखड़ को पार्टी से निकालने की मांग उठायी।
हालांकि, जाखड़ ने कहा कि उनके बयान को संदर्भ से इतर समझा गया।
काग्रेंस के पूर्व विधायक राजकुमार वेरका ने किया विरोध
वीडियो में जाखड़ परोक्ष रूप से पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के आलाकमान की पसंद होने पर सवाल खड़ा करते जान पड़ रहे हैं। हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। जाखड़ ने साक्षात्कार में कहा, ”आलाकमान को पता लगाना होगा कि किसको, कहां रखा जाना चाहिए।” इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व कांग्रेसी विधायक राजकुमार वेरका ने बुधवार को आरोप लगाया कि जाखड़ ने दलितों के खिलाफ ”आपत्तिजनक भाषा” का उपयोग किया है और इसके लिए उन्हें तत्काल पार्टी से निकाला जाना चाहिए। वहीं, वेरका के आरोप पर जाखड़ ने कहा कि वह प्रत्येक धर्म और समुदाय का सम्मान करते हैं।
आपको बता दे कि सुनील जाखड़ काग्रेंस का एक कद्दावर हिंदू चेहरा हैं । लेकिन आपसी सियासी टकराव के कारण सुनील जाखड़ काग्रेंस हाईकमान से खफा हैं । सुनील जाखड़ पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के प्रबल विरोधी रहे हैं, क्योंकि हाईकमान ने सुनील जाखड़ की अनदेखी कर चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम की कुर्सी पर बैठाया था । जिस कारण सुनील जाखड़ काफी नाराज चल रहे हैं ।