लुधियाना-जालंधर : 5 दिन पहले फगवाड़ा में भडक़ी हिंसा की आंच आज जालंधर में पहुंची। इस दौरान दलित समुदाय द्वारा जमकर रोष प्रदर्शन किया गया। इस रोष प्रदर्शन के पश्चात हिंदू-संगठनों ने भी प्रतिक्रिया स्वरूप प्रदर्शन किया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक पंजाब सफाई मजदूर फाउंडेशन और अन्य दलित संस्थाओं ने संयुक्त रूप से जालंधर के कंपनी बाग चौक में आज शिवसेना के पुतले साथ-साथ झंडा फूंककर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सरकार को दलित विरोधी बताया।
इस दौरान पुलिस ने पैरामिलट्री की सहायता से पुख्ता प्रबंध किए थे। जबकि प्रदर्शन के चलते सावधानी स्वरूप पुलिस ने स्वयं ज्योति चौक से कंपनी बाग तक की अधिकांश दुकानें कुछ समय के लिए बंद करवा दी। चौक में काफी देर हंगामा होता रहा। यूनियन के नेता चंदन ग्रेवाल ने कहा कि फगवाड़ा में हिंसा के दौरान घायल हुए दलित भाईचारे के शख्स की लुधियाना में गंभीर हालात है, अगर उसे कुछ हो गया तो उसके परिवार के वारिस को 50 लाख रूपए और सरकार नौकरी दी जाएं।
उधर प्रदर्शन के विरोध में शास्त्री मार्कीट में शिवसैनिकों ने भी दलित समुदाय के विरोध में धरना लगाकर अपने गुस्से का इजहार किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि दलितों ने उनके धार्मिक चिन्ह ध्वज को क्यों जलाया। दोंनो प्रदर्शनों को देखते प्रशासन ने एतिहात के तौर पर दोनों स्थानों पर पैरामिल्ट्री फोर्स तैनात कर दी थी। मौके पर पहुंचे उच्च पुलिस अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को समझा बुझाकर शांत करवाया और एक-दूसरे की शिकायत प्रशासन को करने के लिए कहा।
आज 5 दिन के पश्चात फगवाड़ा में माहौल सामान्य होते दिखा। हालांकि अफवाहों के दौर का सिलसिला जारी रहा। आज अधिकांश दुकानें खुली थी और स्कूल-कालेज समेत सभी शिक्षण संस्थान दिनचर्या की तरह दिखे। जबकि पंजाब सरकार द्वारा 4 जिलों जालंधर, कपूरथला, होशियारपुर और शहीद भगत सिंह नगर में बाधित की गई मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई। किसी भी अनहोनी घटना से निपटने के लिए पुलिस फोर्स तैनात रही। स्मरण रहे कि 5 दिन पहले मुख्य चौक को डॉ भीमराव अंबेडकर के नाम पर संविधान चौक बनाने की खातिर दलित समुदाय और जनसाधारण का टकराव हो गया था जिस दौरान आधा दर्जन लोग घायल हुए थे, जिनमें से दो नौजवान जालंधर और लुधियाना में जिंदगी और मौत की जदोजहद में लगे हुए है। दोनों समुदाय के करीब 32 लोगों पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है, जिनमें कुछ की पहचान करने पश्चात जेल की सखीचों के पीछे भेजा गया है और दोनों ही समुदायों के लोग एक-दूसरे के विरूद्ध बयानबाजी करने में जुटे है।
– सुनीलराय कामरेड
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