सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने प्रदेश के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक की शुक्रवार को निंदा की और इस घटना को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ करार दिया ।
जत्थेदार ने सिख समुदाय को दोषी नहीं ठहराने की अपील की
फिरोजपुर के पियारियाना गांव के पास किसानों द्वारा सड़क जाम किये जाने की निंदा करते हुए जत्थेदार ने इसके लिये सिख समुदाय को दोषी नहीं ठहराने की अपील की । सड़क जाम के कारण प्रधानमंत्री का काफिला फिरोजपुर-मोगा रोड पर एक फ्लाईओवर पर 15-20 मिनट तक फंसा रहा जिसके बाद प्रधानमंत्री को अपना दौरा बीच में छोड़ना पड़ा ।
देश के प्रधानमंत्री एक बहुत ही सम्मानित और गणमान्य व्यक्तित्व
जत्थेदार ने वीडियो बयान में कहा, ‘‘देश के प्रधानमंत्री एक बहुत ही सम्मानित और गणमान्य व्यक्तित्व हैं लेकिन उनके साथ जो कुछ भी हुआ वह पंजाब सरकार और उनके सुरक्षा कर्मचारियों के साथ-साथ केंद्र सरकार के बीच का मामला है व पूरी तरह से उनके बीच समन्वय की कमी का मामला है।’’
ज्ञानी ने कहा कि साथ ही यह भी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि घटना के बाद सिख समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है और उन्हें जाम के लिये जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘सिख समुदाय को निशाना बनाना और उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराना अच्छी बात नहीं है । सरकार को ऐसे सभी लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहिए जो नफरत फैला रहे हैं।’’
जत्थेदार ने घटना के लिए सिखों को दोषी ठहराने के लिए ‘कुछ जिम्मेदार व्यक्तियों’ की भी निंदा की
कुछ सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला देते हुए, जत्थेदार ने घटना के लिए सिखों को दोषी ठहराने के लिए ‘कुछ जिम्मेदार व्यक्तियों’ की भी निंदा की।
जत्थेदार ने कहा, ‘‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है कि समाज के कुछ जिम्मेदार व्यक्ति सिख समुदाय को धमकी दे रहे हैं कि 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों की घटना को एक बार फिर दोहराया जा सकता है।’’