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जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब ने कहा कि सिर्फ धार्मिक स्टेजों से होना चाहिए धार्मिक प्रचार ही

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लुधियाना-फतेहगढ़ साहिब : धन धन श्री गुरु ग्रंथ साहिब सत्कार प्रचार कमेटी सहित विभिन्न धार्मिक सिख जत्थेबंदियों के शहीदी जोड़ सभा के दौरान किसी भी सियासी दल की काफ्रेंस न होने देने की चेतावनी के बाद अमृतसर स्थित श्री अकाल तख्त साहिब के सिंह साहिब जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने एक फरमान के जरिए सिखों और सियासी दलों को आदेश दिया है कि फतेहगढ़ साहिब की पावन धरती पर दशम गुरू गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों और सिंहों की बेमिसाल कुर्बानी को श्रद्धांजलि देने के लिए सजने वाले शहीदी जोड़ मेले के दौरान कोई भी सियासी मंच ना लगाया जाएं और ना ही इस दौरान किसी भी मंच से सियासी घोषणाएं हो। सिंह साहिब ने इस दौरान धार्मिक स्टेजों पर ही सिख धर्म व साहिबजादों की शहीदी का प्रचार व प्रसार करने की हिदायतें जारी की है। जबकि अकाल तख्त के हुकम को सिर मत्थे मानते हुए शिरोमणि अकाली दल ने 26 दिसंबर को फतेहगढ़ साहिब में होने वाली अपनी सियासी कांफ्रेंस रदद करने का फैसला किया है।

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने कहा कि सारी दुनिया के अंदर गुरूद्वारा फतेहगढ़ साहिब की धरती केवल आम धरती नहीं है। बल्कि यह धरती शहादत की एक मिसाल के रूप में जानी जाती है। श्री गुरु गोबिंद सिह जी के दो पुत्रों बाबा जोरावर सिह और बाबा फतेह सिंह व मामा गुजरी ने फतेहगढ़ साहिब स्थित ठंडे बुर्ज में रात व्यतीत की। वही नवाब वजीर खान की ओर से जारी फतवे के बाद जलादों की ओर से मासूम साहिबजादों केा शहीद कर दिया। निक्की जिंदों ने बड़ा साका किया। सिख धर्म की ओर से मात गुजरी और साहिबजादों के साथ संबंधित इतिहास को सारी दुनिया में प्रचारित किया जाता है। उन्होंने कहा कि इन दिनों में धर्म का प्रचार व प्रसार होना चाहिए। न कि कुछ राजनीतिक दलों की ओर से अपने राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए राजनीतिक तकरीके की जानी चाहिए। फतेहगढ़ साहिब में सिर्फ धार्मिक स्टेजें ही होनी चाहिए और वहां से धर्म का प्रचार ही चलना चाहिए।

स्मरण रहे कि पिछले दिनों सात प्रमुख सिख जत्थेबंदियों ने जिला फतेहगढ़ प्रंबंधकीय कांप्लेक्स के सामने रोष प्रदर्शन क रने के बाद एक मांगपत्र जिलाधीश कंवलप्रीत बराड़ को सौंपा था। जत्थेबंदियों ने जिला प्रशासन से अपील करते हुए कहा कि वह इन सियासी सभाओं के आयोजन पर पाबंदी लगाए। सियासत का विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रवक्ताओं का कहना था कि वे पहले भी कई बार मागपत्र दे चुके है परंतु उन पर कोई भी कार्रवाई नहीं की। इस बार यदि प्रशासन ने इस पर कोई भी कार्रवाई नहीं की तो समूह सिख संगत इन राजनीतिक सभाओं का खुलकर विरोध करके उन्हें अपने बलबूते पर बंद करवाएगा, चाहे इसकी कोई भी कीमत अदा क्यों ना करनी पड़े। जबकि सियासी दलों को रोकने की खातिर भाई गुरिंद्र पाल सिंह जमशेर खास पिछले एक हफते के दौरान भूख हड़ताल पर बैठे है। इस दौरान बीती रात बादल दल की कांफ्रेंस के लिए लगाए जा रहे टैंट को भी सिख युवकों ने उखाड़ दिया और टैंट को लगाने आएं मजदूर भी भाग गए थे।

तत्कालीन डीसी ने बंद करवाए थे अश्लील गीत-संगीत
सत्कार कमेटी, पंथ खालसा पंजाब सत्कार कमेटी, इंटरनेशनल सिख फेडरेशन, यूनाइटेड सिख पार्टी, दमदमी टकसाल जत्था, जत्था सिरलत्थ, जत्था धर्मी फौजी जत्थेबंदियों से जुड़े सदस्यों ने कहा कि राजनैतिक सभाओं में बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह व माता गुजरी की शहादत को श्रद्धाजलि देने के स्थान पर राजनीतिक दल एक दूसरे पर कीचड़ उछालने का काम करते हैं। कुछ समय पहले यहां पर राजनीतिक काफ्रेंस में अश्लील गीत, संगीत चलता था। परंतु तत्कालीन डीसी एसके आहलूवालिया ने इसे बंद करवाया। परंतु राजनीतिक सभाएं बंद नहीं हो सकी थी।

शहीदी जोड़ मेले में कीचड़ न उछालें राजनीतिक दल : लोंगोवाल
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रधान भाई गोविंद सिंह लोंगोवाल ने सभी राजनीतिक दलों को शहीदी जोड़ मेल के दौरान आयोजित की जाने वाली सभाओं के दौरान एक दूसरे पर कीचड़ न उछालने की अपील की। उन्होंने कहा कि सभा के दौरान माता गुजरी, बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह की शहादत को नमन किया जाए। संगत का भी मानना है कि इस दौरान किसी भी दल को राजनीतिक बयान नहीं देना चाहिए। क्यों कि यह बयानबाजी भावनाओं को ठेस पहुंचाती है।

शहीदी सभा में राजनीतिक कांफ्रेंस पर लगे पाबंदी : वीर दविंद्रर
राजनीतिक दल अपने स्वार्थ के लिए कांफ्रेंस में एक दूसरे पर आरोप लगाते हुए भद्दी शब्दावली का प्रयोग करते हैं। 25 से 27 दिसंबर तक होने वाली शहीदी सभा के दौरान गुरुद्वारा श्री फतेहगढ़ साहिब और गुरुद्वारा श्री ज्योति स्वरुप के छह किलोमीटर के घेरे में किसी भी तरह की राजनीतिक कांफ्रेस के आयोजन पर पाबंदी लगाई जानी चाहिए। यह विचार पूर्व डिप्टी स्पीकर वीर दविंदर सिंह ने जिला प्रबंधकीय काप्लेक्स में डीसी कंवलप्रीत कौर बराड़ को मागपत्र सौंपने के बाद रखे। उन्होंने कहा कि यह माग पत्र डीसी के अलावा श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी गुरबचन सिंह व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान भाई गोविंद सिंह लोंगोवाल को भी भेजा गया है। ताकि वह इस पर अपना आदेश जारी करें।

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– सुनीलराय कामरेड

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