लुधियाना- अमृतसर : शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान जत्थेदार भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने इंगलैंड की अदालत द्वारा जून 1984 के भारतीय आप्रेशन ब्लू स्टार के दस्तावेज सार्वजनिक करने के फैसले का पुरजोर स्वागत करते कहा कि जून 1984 में सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब जो सिख कौम के केंद्रीय धार्मिक स्थान और श्री अकाल तख्त साहिब पर तत्कालीन भारत की कांग्रेस सरकार द्वारा करवाया गया सैनिक हमला अमानवीय कत्लेआम के रूप में सिख इतिहास के अंदर दर्ज है और इस कार्यवाही में जिस किसी ने भी शमूलियत की है, वह उजागर होनी चाहिए।
स्मरण रहे कि ब्रिटेन की अदालत ने भारत इंगलैड के कूटनीति संबंधों को दरकिनार करते हुए आदेश दिया है कि उक्त दस्तावेज सार्वजनिक किया जाएं। उल्लेखनीय है कि इंगलैड के कानून के मुताबिक 30 वर्ष से ज्यादा किसी भी दस्तावेज को गोपनीय नहीं रखा जा सकता और जब यह अवधि पार कर ली जाती है तो जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यह दस्तावेज सार्वजनिक कर दिए जाते है।
भाई गोबिंद सिंह लोंगोवाल ने यह भी कहा कि इंगलैड की अदालत द्वारा ब्रिटिश सरकार की शमूलियत से संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक करने का फैसला प्रशंसनीय है और इस मामले में पैरवी करने वाले स्वतंत्र पत्रकार फिल मिल्लर के प्रयत्नों की भी प्रशंसा करते हुए भाई लोंगोवाल ने कहा कि ब्रिटेन की तरह भारत सरकर को भी जून 1984 के सैनिक हमले से संबंधित दस्तावेज जारी करने चाहिए ताकि पूरी दुनिया को पता लग सके कि इस घल्लूघारा के साजिश के पीछे और कितने देश और कोन-कोन सी शक्तियां शामिल थी।
शिरोमणि कमेटी के प्रधान भारत सरकार से मांग की कि सचखंड श्री हरिमंदिर साहिब पर हुए हमले के दौरान सिख रेंफरेंस लाइब्रेरी से लूटा गया विरासती अनमोल खजाना शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी को वापिस किया जाएं।
– सुनीलराय कामरेड
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