लुधियाना : पानी देवता है, पानी पिता है इसके बिना धरती पर जीवन का आस्तित्व संभव नहीं है, शहर निवासियों को अपने आस पास के क्षेत्र और विशेष रूप से नहर में गन्दगी और प्लास्टिक बैग/लिफाफे नहीं फेंकने चाहिए, क्योंकि यह नहर के पानी में घुल कर पानी को जहरीला करते हैं, जिस का प्रयोग हम खुद, पशु पक्षी और खेती के लिए किया जाता है।
ये विचार श्री गुरबीर सिंह जिला एंव सत्र न्यायाधीश ने आज जिला लीगल सर्विस अथार्टी लुधियाना के प्रयत्नों से शुरू की गई सिद्धवां नहर के सफाई अभियान दौरान एकत्र हुए पैरा लीगल वालंटियर, पैनल एडवोकेट, एन. जी. ओ के प्रतिनिधियों और कालेज विद्यार्थियों क ो संबोधन करते हुए रखे हैं। इस मौके उनके साथ सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथार्टी डा. गुरप्रीत कौर भी उपस्थित रही। इस अवसर पर श्री गुरबीर सिंह जिला और सैशन जज और डा. गुरप्रीत कौर सचिव कानूनी सेवाएं ने उपस्थित लोगों का सुरक्षित ढंग से कूड़ा कर्कट बेहतर तरीके से उठाने बारे बताया और खुद भी कचरा आदि उठा कर सिद्धवां नहर की सफाई मुहिम का हिस्सा बने।
इस अभियान बाबत विस्तृत जानकारी देते हुए जिला और सैशन जज ने बताया कि सिंचाई विभाग की तरफ से खरफ के सीजन के लिए नहरों में पानी छोडऩे में सिर्फ दो दिन बाकी हैं। लीगल सर्विस अथार्टी लुधियाना को सूचना मिली थी कि सिद्धवां नहर में प्लास्टिक थैले, पुराने कपड़े, चमड़े की जूतियां और थैले, प्लास्टिक और मिट्टी के बर्तन, एक्सपायरी दवाएँ, घरों का कचरा व अवशेष और धार्मिक सामग्री भारी मात्रा में पड़ी है, जिसकी पानी आने से पहले सफाई की जानी बहुत जरूरी है।
उन्होंने बताया कि यह वस्तुएँ पानी में घुल कर नहरी पानी को जहरीला कर देंगी और फिर इसी पानी का प्रयोग खुद हमारे और पशु पक्षियों की तरफ से पीने के लिए और खेती के लिए किया जाना है, जिस का सीधा प्रभाव मानवीय सेहत पर पड़ेगा और बीमारियों में भारी वृद्धि होगी। उन्होंने बताया कि नहर की सफाई की अहमीयत को देखते हुए जिला लीगल सर्विस अथार्टी लुधियाना ने तुरंत कार्यक्रम बनाया और पैरा लीगल वालंटियर, समाज सेवीं संस्थाओं, पैनल ऐडवोकेटों और कालेज विद्यार्थियों को साथ ले कर सफाई मुहिम शुरू की गई है, जिससे हमारी फसलों, सब्जियों और फलों की सिंचाई, पशु पक्षियों और अन्य उपयोग के लिए साफ और स्वच्छ पानी प्राप्त हो सके।
जिला और सैशन जज ने शहर निवासियों से अपील की है कि आने वाली पीढिय़ों को निरोगी सेहत और बीमारियों से मुक्त जीवन देने के लिए प्राकृतिक स्रोतों की साफ सफाई के साथ सांझ संभाल जरूर करें और इसेे जीवन का एक अंग बना लेना चाहिए। इस अवसर पर उनके साथ सिंचाई और नहरी विभाग के एस. ई श्री डी. पी. सिंह, बाल कलाकार श्री करमजीत सिंह ललतों, एन. जी. ओ के प्रतिनिधि और जी. एन. ई. व खालसा कालेज के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
– सुनीलराय कामरेड
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