लुधियाना-बठिण्डा : आगामी लोकसभा चुनावों के मध्यनजर डेरा सच्चा सौदा प्रेमियों ने अपना सियासी वजन तोलना शुरू कर दिया है। बलात्कार के जुर्म में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के जेल जाने के बाद पंजाब में श्री गुरू ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी कांड में बड़े स्तर पर हुई डेरा प्रेमियों की पकड़ो-पकड़ाई के बाद निराशा में चल रहे चेलों ने पुन: सरगर्मी दिखानी शुरू कर दी है।
पंजाब के मालवा पटटी में डेरा समर्थकों द्वारा करीब 7 स्थानों पर नाम चर्चा के बाद एक दूसरे से संपर्क साधने शुरू कर दिए है। बठिण्डा-फिरोजपुर-धूरी-मुक्तसर-सुनाम-संगरूर- फाजिलका-अबोहर-मोगा-बरनाला के डेरा चर्चा घरों में सियासी विंगों ने संगत को पुन: एकजुटता का पाठ पढ़ाते हुए स्पष्ट किया है कि हम सभी एकजुट है।
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डेरे के सियासी कमेटी के चेयरमैन राम सिंह व अन्य सदस्यों ने विभिन्न जिलों के दौरे करके अन्य सक्रिय सदस्यों को एकजुट करने की कोशिशें जारी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि रविवार को हुई नाम चर्चा घरों में इस बार पहली की तरह डेरा समर्थकों की संख्या बड़ी हुई थी और सभी ने एकजुट होकर अपने वोट उचित सियासी पार्टियों को देने की बात कही है।
सूत्रों के मुताबिक सियासी विंग के सदस्य गुरमीत राम रहीम के आदेश उपरांत कोई नपा-तुला फैसला लेते है तो उन्हीं की मुताबिक डेरा समर्थकों के लाखों वोट किसी भी सियासी पार्टी की किस्मत बदल सकते है। उन्होंने इशारा किया कि पिछली लोकसभा चुनावों के उलट इस बार किसी उम्मीदवार को खुले तौर पर समर्थन दिया जा सकता है।
यह भी पता चला है कि आगामी 10 अप्रैल के बाद पंजाब के लिए कोई सियासी बैठक हो सकती है, जिसका निर्णय चुनावों से 24 घंटे पहले आ सकता है। गौरतलब है कि पंजाब के मालवा में स्थित डेरों में करीब 37 लाख से अधिक वोटर है और इन सभी का असरा पंजाब समेत हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली तक है। डेरा की सियासी कमेटी के चेयरमैन ने स्पष्ट किया कि डेरा की हिमायत प्राप्त करने के लिए सभी सियासी पार्टियां मिननतें कर रही है। हालांकि कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने सार्वजनिक तौर पर घोषणा कर रखी है कि इस बार उनके नेता डेरा प्रेमियों के पैरों में वोटों की खातिर नहीं गिड़गिड़ाएंगे।
– सुनीलराय कामरेड