लुधियाना : सभी सियासी दबावों को दरकिनार करते हुए लुधियाना के सुफिया बाग चौक स्थित फैक्ट्री हादसे और दर्जनों मौतों के लिए जिम्मेदार फैक्ट्री मालिक इंदजीत सिंह गोला को पुलिस ने तीन दिन बाद गिरफ्तार कर लिया, इस संबंध में जानकारी देते हुए पुलिस कमीश्रर आरएन ढोके ने कहा कि स. गोला के विरूद्ध गैर जमानती धारा 304 के तहत मामला दर्ज किया गया था। अब पुलिस ने फैक्ट्री मालिक को हिरासत में लिया है। इधर आज जब इस संवाददाता ने मौके पर जाकर हालात का जायजा लिया तो देखकर आश्चर्य हुआ कि आग की लपटें अभी भी दिखाई दे रही थी, जिसे फायर कर्मी बुझाने में जी-तोड़ मेहनत कर रहे थे। जबकि तीन लापता फायरकर्मियों के परिजन अपनों की तलाश में पथराई आंखों से हादसाग्रस्त बिल्डिंग को निहार रहे थे। फायर कर्मी सुखदेव सिंह के पिता का कहना है कि उन्हें अपने जिगर के टुकड़े का इंतजार है , उसने जिला प्रशासन पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरफ उनका बेटा अपने साथियों के साथ बिल्डिंग में घुसा था, उस स्थान को अभी तक किसी ने छुआ तक नहीं। मलबे के नीचे उसका बेटा अन्य के साथ हो सकता है। यह भी पता चला है कि सेना के जवान प्रशासनिक आदेशों उपरांत इस कार्य को बीच में ही अधूरा छोडक़र चले गए है। अब यह समस्त कार्य जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम के हवाले सचारू रूप से चलाया जा रहा है।
हालांकि काम की गति धीमी है। नगर निगम अधिकारी धर्म सिंह का कहना है कि उन्हें यह पूरा मलबा उठाने के लिए कम से कम 2 या 3 दिन लग सकते है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि धधकती आग जिस तरह निचे दिखाई दे रही है, उससे लगता हे कि मलबे के नीचे दबी इंसानी जिंदगी शायद ही कोई बची हो। स्मरण रहे कि इसी हफते कि शुरूआत सोमवार की सुबह सुफिया चौक स्थित प्लास्टिक लिफाफे की 5 मंजिला फै क्ट्री में आग लगने पश्चात धराशाई हो गई थी, जिसमें 9 के करीब फायर कर्मी और अनगिनित फैक्ट्री मुलाजिम व अन्य बचाव कार्य में उमड़े लोग मौत का ग्रास बन गए। अभी तक प्राप्त जानकारी के मुताबिक मृतकों की संख्या 14 बताई जा रही है जबकि आधा दर्जन लोग विभिन्न अस्पतालों में इलाज के लिए दाखिल है।
पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने घटना स्थल का जायजा लेने उपरांत पटियाला डिवीजन कमीश्रर को इस हादसे की जांच के आदेश देते हुए जल्द से जल्द रिपोर्ट दर्ज कराने का आदेश दिया था। सीएम ने मोजूदा अधिकारियों को भी स्पष्ट निर्देश दिए थे इस हादसे के जिम्मेदार किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएंगा सूत्रों के मुताबिक यह भी पता चला है कि हादसा ग्रस्त बिल्डिंग एमरसन्ज पालीमर फैक्ट्री के मालिक और जिम्मेदार प्रबंधकों ने आसपास की असंख्य जिंदगियों को नजर अंदाज करके सरकार द्वारा र्निधारित नियमों का उल्लंघन करके कैमीकल स्टॉक जमा किया हुआ था और हजार गज की दो मंजिला इमारत को 5 और 6 मंजिला इमारत का रूप देकर विसतार किया गया था। और इन छतों के नीचे लेबर एक्ट के नियमों की ध्ज्जियां उड़ाकर अपने मनमाफिक कार्य किए जा रहे थे। हालांकि भरोसे मंद सूत्रों का यह भी कहना था कि इस इमारत को फायर सेफटी एक्ट से भी एनओसी नहीं ली गई थी। जबकि यह भी पता चला है कि यह फैक्ट्री इंडस्ट्री एरिया में ना होकर रिहाइशी इलाके में स्थापित थी। फिलहाल मामला जांच में है।
– सुनीलराय कामरेड