लुधियाना-अमृतसर : पिछले कई माह पहले सिख सिद्धांतों की अवज्ञा करने के दोष में श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार द्वारा धार्मिक तनखाईयां करार दिए गए कई सिख आगुओं द्वारा अब कानूनी प्रक्रिया में बरी होने के पश्चात पुन: सिख पंथ में शामिल करने के लिए श्री अकाल तख्त साहिब पर जदोजहद शुरू कर दी है। इसका प्रमुख कारण इसी वर्ष श्री गुरूनानक देव जी के प्रकाश पर्व की मनाई जा रही 550साला शताब्दी के साथ-साथ सिर पर खड़ी लोकसभा चुनावों को भी समझा जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक सिख पंथ में पुन: शामिल होने के लिए गिड़गिड़ाने वाले सिख आगुओं में सितंबर 2017 में सोशल मीडिया पर एक अश्लील विडियो वायरल होने के कारण श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा सिख पंथ से छेके जा चुके शिरोमणि अकाली दल बादल से संबंधित रहे पूर्व मंत्री और पूर्व शिरोमणि कमेटी सदस्य जत्थेदार सुच्चा सिंह लांघा और सिखों की प्राचीन धार्मिक -सोशल संस्था चीफ खालसा दीवान के पूर्व प्रधान चरणजीत सिंह चडढा का नाम उल्लेखनीय है।
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कहा जा रहा है कि जत्थेदार लांघा जोकि अश्लील विडियो के मामले में अब कानूनी तौर पर बरी हो चुके है, परंतु अभी श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा उनको तनखाइयां करार दिए जाने वाला हुकमनामा अभी भी लागू है, इसी बीच कुछ अन्य सिख आगुओं ने भी श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार सिंह साहिबान ज्ञानी हरप्रीत सिंह से गुपचुप तरीके से मुलाकात करने का वक्त मांगा है।
ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने स्पष्ट किया है कि वह अभी तक ऐसी प्रक्रिया में शामिल नहीं है। अगर पंथ के दोषियों का कोई मामला श्री अकाल तख्त साहिब पर विधिपूर्वक आता है तो उसपर 5 सिंह साहिबान बैठक के उपरांत निर्णय कर सकते है।
सुनीलराय कामरेड