लुधियाना-मलोट : पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किसानों को बड़ी राहत दिए जाने और 14 फसलों के समर्थन मूल्य में पैदावार की लागत 50 फीसदी अधिक बढ़ाए गए भाव के लिए अकाली-भाजपा गठबंधन द्वारा आयोजित किसान रैली में मोदी का आगमन पंजाबियों के लिए ऊंची दुकान फीकें पकवान साबित हुआ है। हालांकि इस रैली में पंजाब-हरियाणा और राजस्थान के चुने हुए 5 किसानों द्वारा सियासी नेताओं के साथ मंच पर जाकर रस्मी स्वागत किया गया। परंतु मोदी की अभिलाषा के मुताबिक मिशन 2019 कुल मिलाकर फीका दिखाई दिया। हालांकि इस रैली को पूरी तरह प्रफुल्लित करने के लिए हरियाणा और राजस्थान की सरकार के अतिरिक्त शिरोमणि अकाली दल और भाजपा के कर्मठ लोग लगे हुए थे।
शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल द्वारा इस रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने दो मांगे रखी गई । इन दोनों मांगों को दरकिनार करते हुए प्रधानमंत्री ने कोई भी घोषणा ना की। दरअसल सुखबीर बादल द्वारा किसान रैली में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के आगे सन 84 में सिख कत्लेआम के आरोपियों को सख्त सजाएं देने और 2019 में आ रहे गुरूनानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर केंद्र सरकार द्वारा बड़े स्तर पर मनाने की मांग रखी थी। जबकि प्रधानमंत्री ने इन मांगों का अपने भाषण में जिक्र नहीं किया। अकालियों को भी उम्मीद थी कि प्रधानमंत्री पंजाब दौरे के दौरान कोई बड़ी घोषणा करेंगे किंतु सियासत के मंजे खिलाड़ी की तरह मोदी सिर्फ नसीहतें देकर चलते बने।
प्रधानमंत्री की पंजाब यात्रा से किसानों को काफी मायूसी का सामना करना पड़ा। कर्जमाफी, स्वामी नाथन रिपोर्ट और पंजाब के लिए विशेष पैकेज जैसा कोई भी अहम ऐलान मंच से ना हुआ। रैली में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाषण देने के लिए खड़े हुए तो उपस्थित कई किसानों ने काले कपड़े लहराकर विरोधता दर्ज करवाई। मोके पर तैनात सुरक्षा अधिकारियों और पुलिस ने उन्हें दबोच लिया।
इस दौरान किसानों ने बताया कि वह केंद्र की नीतियों से असहमत है और पीएम के विरोध में अपना रोष दर्ज करवाना चाहते थे। हालांकि पंडाल के बाहर किसानों को मोदी की रैली में जाने से रोकने के लिए भारी फोर्स तैनात की गई थी। पुलिस द्वारा रोके गए भारतीय किसान यूनियन (सिद्धूपुर) की अगुवाई में किसानों ने मीडिया के सामने भी जमकर रोष प्रदर्शन किया। पुलिस द्वारा रोके जाने के बावजूद किसान कई कि.मी. तक आगे बढ़ गए थे। उन्होंने मोदी सरकार के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की और फसलों के समर्थन मूल्य में की गई बढ़ौतरी पर असंतोष जताया। किसान केंद्र सरकार से स्वामी नाथन रिपेार्ट को लागू करने की मांग कर रहे थे।
उधर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह का कहना है कि अकाली दल ने एक बार फिर पंजाब के लोगों के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि प्रकाश सिंह बादल और उनके आफिस वालों ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर को मलोट की किसान रैली में शामिल करना हैरानी जनक है। वे जानते हुए ही पानी के मुददे को लेकर मनोहर लाल खटटर का व्यवहार पंजाबियों के विरूद्ध है। इसके अतिरिक्त स. बादल नरेंद्र मोदी जी के सामने चंडीगढ़ के मुददे को आगे बढ़ाने में भी असफल रहे है।
– सुनीलराय कामरेड