लुधियाना-अमृतसर : सिखों की सर्वोच्च संस्था श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने हरियाणा सरकार द्वारा रोहतक की सुनारिया जेल से डेरा सिरसा प्रमुख को कोरोना वायरस संकट के बहाने जेल से पेरोल पर रिहा करवाने की बनाई जा रही योजना का सख्त विरोध किया है। इसी संबंध में उन्होंने कहा कि उन्हें अति विश्वासनीय सूत्रों से पता लगा है कि हरियाणा सरकार द्वारा कोरोना वायरस के बहाने डेरा सिरसा प्रमुख को पेरोल पर रिहा करवाने की योजना बनाई जा रही है। जत्थेदार ने स्पष्ट कहा कि अगर हरियाणा सरकार ने ऐसा कुछ किया तो सिख जगत को उकसाने और पंजाब व हरियाणा में बनी शांति के माहौल को आग लगाने जैसी बात होंगी।
उधर सिरसा डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की अपातकालीन पेरोल की अर्जी जो रोहतक की सुनारिया जेल प्रशासन द्वारा लगाई गई थी, उसे रदद कर दिया गया। स्मरण रहे कि राम रहीम की माता नसीब कौर ने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अपने बेटे गुरमीत राम रहीम को 3 हफतों की पेरोल दिए जाने की सुनारिया जेल को 13 अप्रैल को अर्जी दी थी और जेल प्रशासन ने भी इस अर्जी को सिरसा जिला प्रशासन को भेजकर टिप्पणी मांगी थी। सिरसा जेल प्रशासन द्वारा पेरोल दिए जाने के बाद आज सुनारिया जेल प्रशासन ने गुरमीत राम रहीम की एमरजेंसी पेरोल की अर्जी को नामंजूर किया है।
स्मरण रहे कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम हत्या और साधवियों से बलात्कार के मामले में सजा काट रहे है। इससे पहले भी राम रहीम कई बार पेरोल की कोशिशें कर चुके है। गुरमीत राम रहीम ने काफी समय पहले इंसा-ए-जाम के नाम पर दशम गुरू गोबिंद सिंह जी से मिलती जुलती पोशाक पहनकर अपनी संगत को जाम पिलाया था, जिसका सिख जगत में काफी विरोध हुआ था और उसी के चलते श्री अकाल तख्त साहिब ने गुरमीत राम रहीम से वास्ता रखने वाले पेरोपकारों को सिख पंथ से छेक दिया था।
– सुनीलराय कामरेड