पंजाब कांग्रेस में बीते कई महीनों से जारी सियासी घमासान अब शांत होता दिख रहा है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने चंडीगढ़ स्थित पार्टी कार्यलय पहुंच कर कामकाज फिर से संभाल लिया है। इस दौरान पार्टी के प्रदेश मामलों के प्रभारी हरीश चौधरी भी मौजूद रहे। आपको बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू की पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ अनबन की खबरें आम थी। इसके बाद नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से भी मनमुटाव को पंजाब सहित पूरे देश ने महसूस किया। उन्होंने कैप्टन की भांति चन्नी सरकार के कई फैसलों पर भी सवाल खड़े किए।
सिद्धू ने चन्नी सरकार में नियुक्त किए गए एडवोकेट जनरल एपीएस दयोल और डीजीपी इकबालप्रीत सहोता की नियुक्ति के विरोध में 28 सितंबर को पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया था। पांच नवंबर को उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया था लेकिन साथ ही शर्त रख दी थी कि एजी दयोल को हटाने तक वह पदभार नहीं संभालेंगे। सरकार ने उनकी बात मानी और एजी का इस्तीफा मंजूर कर लिया। डीजीपी इकबालप्रीत सहोता को हटाने की सिद्धू की मांग पर सरकार ने सफाई दी थी कि यूपीएससी से नाम आने के बाद सहोता को भी हटा दिया जाएगा।
चन्नी सरकार पर साध रहे हैं निशाना
इससे पहले मंगलवार को नवजोत सिद्धू ने नौकरियों के मामले में चन्नी सरकार पर निशाना साधा था।
उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो शेयर कर लिखा…
जब भी बोला है सच बोला सिद्धू ने,
सोच समझ कर ही मुंह खोला सिद्धू ने।
सच से देखें कितने घायल होते हैं,
छोड़ दिया है तोप का गोला सिद्धू ने।
इसमें उन्होंने कहा कि जो लोग 26 लाख नौकरी देने की बात कर रहे हैं, उनसे पूछो कि जो एक लाख पद अब भी खाली पड़े हैं उन्हें क्यों नहीं भरा गया। उन्होंने कहा कि एक घर में पांच लोग होते हैं। एक लाख को नौकरी दे दोगे तो पांच लाख परिवारों तक पहुंच जाओगे। वहीं सीएम चरणजीत चन्नी ने सोशल मीडिया पर ही बिना सिद्धू का नाम लिए कहा कि पंजाबियों के मसले सुलझाने के लिए हमारी सरकार ने 52 दिन में 104 फैसले लिए।