पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार मलविंदर सिंह माली ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। हाल ही में अपने बयानों के चलते माली विपक्ष के निशाने पर आ गए थे। उनके इन बयानों को लेकर काफी विवाद भी खड़ा हुआ था। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने नवजोत सिंह सिद्धू से अपने सलाहकारों को हटाने तक के लिए कह दिया था।
मलविंदर सिंह माली ने इस संबंध में एक पत्र भी जारी किया है। इसमें उन्होंने लिखा कि “मैं पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को सुझाव देने के लिए दी गई अपनी सहमति वापस लेता हूं”। प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने कार्यकारी अध्यक्षों और सलाहकारों को नियुक्त किया था, जिनपर बवाल हुआ था।
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माली ने अपने बयान में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, शिअद नेता सुखबीर सिंह बादल और बिक्रम सिंह मजीठिया पर बड़े आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि अगर मेरा कोई जानी नुकसान होता है तो इसके लिए ये नेता जिम्मेदार होंगे। माली ने लिखा है, ‘वह पंजाब लंबे समय से धार्मिक अल्पसंख्यकों, उत्पीड़ित लोगों, मानवाधिकारों, लोकतंत्र और संघीय ढांचे के लिए लड़ रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि पंजाब की वर्तमान राजनीति बौद्धिक दरिद्रता की शिकार है, जो पंजाब की बेहतरी के लिए सत्ता पक्ष के खिलाफ किसी बड़े और प्रभावी बदलाव को बर्दाश्त नहीं करती है। उन्होंने कहा कि वह समान विचारधारा वाले साथियों और ताकतों से हाथ मिला कर संकीर्णता और संकीर्णता की राजनीति के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
इससे पहले मलविंदर सिंह माली ने जम्मू-कश्मीर को लेकर बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कश्मीर मसले को संयुक्त राष्ट्र में होने की बात कही थी। इसके अलावा उन्होंने पूर्व पीएम इंदिरा गांधी से जुड़ा एक विवादित कार्टून साझा किया था। साथ ही हाल ही में उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके साथियों की तुलना ‘अली बाबा और 40 चोरों’ से की थी।