लुधियाना-अमृतसर : कोरोना वायरस के चलते जहां देश में लॉकडाउन और पंजाब में लॉकडाउन के साथ-साथ कफर्यू की घोषणा के उपरांत लोगों को भूखमरी से बचाने के लिए सियासी नेताओं और समाज सेवकों की तरफ से लंगर प्रसाद बांटे जा रहे है वही गुरू की नगरी अमृतसर में अपने इलाके के लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू तेेज कडक़ती धूप में नंगे पांव सडक़ों पर उतरे हुए है। नवजोत सिंह सिद्धू कुछ चुनिंदा साथियों के साथ इलाके के अलग-अलग धार्मिक स्थलों में बिना किसी भेदभाव के समस्त समाज के लोगों के लिए लंगर व्यवस्था के साथ-साथ राशन बांटने का काम करते नजर आएं। वह गुरूद्वारों और मंदिरों के साथ-साथ गिरजाघरों और मस्जिदों में भी गए। इस दौरान उन्होंने धार्मिक स्थलों के दर्शन भी किए और सरबत के भले के लिए अरदास की।
अमृतसर के प्राचीन भागभाइया शिवालय में दर्शन करने से पहले नवजोत सिंह सिद्धू वल्ला गुरूद्वारा साहिब में नतमस्तक हुए। धार्मिक स्थलों के पदाधिकारियों और सेवादारों को नवजोत सिंह सिद्धू ने इलाके के लोगों के लिए राशन व्यवस्था करके दी। इस दौरान उन्होंने उपस्थित भीड़ को दूरियां बनाकर कोरोना को हराने की अपील की। नवजोत सिंह सिद्धू कडक़ती धूप में धरती को छूकर नमन करते दिखे। उन्होंने सामाजिक और धार्मिक संस्थानों के सेवादारों को स्पष्ट किया कि जनता का हुकम सिर मत्थे है और वह चाहते है कि प्रभु की कृपा से इस धरती पर कोई भूखा ना सोए। इसी दौरान नवजोत सिंह सिद्धू को धार्मिक स्थल के लोगों ने अंदर आकर बैठने को कहा तो अपने ही अंदाज में सिद्धू ने दिया जवाब, और लोग इंतजार कर रहे है उनके पास जाना है।
नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी मां का जिक्र करते हुए कहा कि अकाल मृत्यु जो मरे, वो काम करे चंडाल का, काल उसका क्या करे, जो भक्त हो महाकाल का। नवजोत सिंह सिद्ध भगवान श्री वाल्मीकी जी के मंदिर स्थल पर भी गए। इस दौरान उन्होंने चर्च में जाकर प्रेरर भी की। नवजोत सिंह सिद्धू ने सोशल डिस्टेंस को दूरी बनाकर चलने की प्रेरणा दी। इलाका निवासियों ने बताया कि नवजोत सिंह सिद्धू चुपचाप अचानक आए और राशन वितरन करके चलते बने।
– सुनीलराय कामरेड