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नवजोत सिंह सिद्धू की सीएम पद की उम्मीदवारी शिअद टकसाली का अपना फैसला – ढींडसा

राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा ने आज लुधियाना में पत्रकारों से बातचीत करते कहा कि सिखों की सिरमौर संस्था शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी को बादलों के कब्जे से छुड़वाने के लिए पंजाब के अंदर लोक लहर पैदा की जाएंगी।

लुधियाना : राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखदेव सिंह ढींडसा ने आज लुधियाना में पत्रकारों से बातचीत करते कहा कि सिखों की सिरमौर संस्था शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी को बादलों के कब्जे से छुड़वाने के लिए पंजाब के अंदर लोक लहर पैदा की जाएंगी। 
उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस, भाजपा या आरएसएस के इशारे पर नहीं चल रहे बल्कि वह शिरोमणि अकाली दल को मजबूत करने के लिए दिनरात यत्न करेंगे। इस अवसर पर मंजीत सिंह जीके, हरसुखइंद्र सिंह बब्बी बादल, परमजीत सिंह खालसा, मेजर सिंह खालसा और बलजीत सिंह बीता आदि उपस्थित थे। 
बागी अकाली नेता सुखदेव सिंह ढींडसा ने आरोप लगाया है कि शिरोमणि अकाली दल सिख सिद्धांतों को नुकसान पहुंचा रही है और उनका पहला उद्देश्य शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को बादलों के कब्जे से आजाद करवाना है, जिसके लिए वह अलग-अलग शहरों में सिख समाज को एकजुट कर रहे हैं। 
बैठक में डीएसजीएमसी के पूर्व प्रधान मनजीत सिंह जीके, पूर्व केंद्रीय मंत्री बलवंत सिंह रामूवालिया भी पहुंचे । लुधियाना में आयोजित बैठक में शामिल होने के लिए पहुंचे ढींडसा ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले उनका उद्देश्य एसजीपीसी के चुनाव की तैयारी करना है, ताकि की इस संस्था को बादलों के चंगुल से छुड़ाया जा सके। दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और अकाली दल में गठबंधन टूटने को लेकर उन्होंने कहा कि पंजाब को लेकर इसके असर का समय आने पर ही पता चलेगा। 
गत दिवस पंजाब सरकार द्वारा की गई तरफ ऑल पार्टी बैठक में लोक इंसाफ पार्टी के सिमरजीत सिंह बैंस को न बुलाए जाने की उन्होंने निंदा की। अकाली दल टकसाली की ओर से पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को मुखयमंत्री का उममीदवार बनाए जाने पर कहा कि यह उनका अपना फैसला है। हमसे कोई बात नहीं हुई। आने वाले दिनों में कई अन्य अकाली दल (बादल) के नेताओं द्वारा पार्टी का साथ छोडऩे की चर्चाओं पर उन्होंने कहा कि बहुत से नेता कतार में हैं, समय में पता चलेगा।
मनजीत सिंह जीके ने भी एसजीपीसी को बादलों के चंगुल से छुड़ाने पर जोर दिया। दिल्ली में अकाली दल और भाजपा के टूटे गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि अकाली दल का जनाधार खत्म हो चुका है, जिसके चलते भाजपा ने इनसे किनारा कर लिया है और पार्टी के कई बड़े नेता भी चुनाव लडऩे से डर रहे हैं। जबकि सीएए पर ये दोहरा मापदंड अपना रहे हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू को सीएम उम्मीदवार बनाने को उन्होंने अकाली दल टकसाली का निजी विचार बताया। बलवंत सिंह रामूवालिया ने कहा कि समय आ गया है कि 1920 की तरह एक बार फिर से गुरुद्वारों को मसंदों से आजाद करवाया जाए, जिसके लिए वह एक बार फिर से पंजाब की धरती पर पहुंचे हैं और इस धरती के प्रति अपना कर चुका रहे हैं।
– सुनीलराय कामरेड

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