लुधियाना : आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और विरोधी पक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने अनुसूचित जातियों के परिवारों से सम्बन्धित दलित विद्यार्थियों के लिए पोस्ट मैट्रिक वजीफा स्कीम के लिए मोदी सरकार की तरफ से बदले गए फार्मूले को लेकर पैदा हुए विवाद पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस तरह की मनमानियों ने साबित कर दिया है कि दलित वर्ग और उनकी आगे वाली पीढ़ी भाजपा-अकाली दल और कांग्रेस के एजंडे पर ही नहीं हैं।
जारी बयान में हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने दलित विद्यार्थियों से सम्बन्धित वजीफा स्कीमों से पल्ला झाड़ कर दलित विरोधी मनूवादी सोच का प्रगटावा किया है, जो 21वीं सदी के आधुनिक युग में शौभा नहीं देता और आम आदमी पार्टी इस की सख्त निंदा करती है।
चीमा ने कहा कि स्पष्ट है कि अकाली दल की हिस्सेदारी वाली केंद्र की मोदी सरकार अपनी, वित्तीय जिम्मेवारियां राज्य सरकारों पर थोप कर दलित विद्यार्थियों का भविष्य तबाह कर रही है, क्योंकि यह दीवार पर लिखा सच है कि जो राज्य सरकार एस.सी. वजीफा स्कीमों में अपने हिस्से का 10 प्रतीशत हिस्सा समय सिर नहीं डाल रही, वह नए 60.40 फार्मूले के अंतर्गत 40 प्रतिश्त हिस्सा कहां से डाल देगी।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह यदि दलित विद्यार्थियों के प्रति गंभीर होते तो पोस्ट मैट्रिक और अंडर मैट्रिक स्कालरशिप स्कीमों के लाभपात्री दलित विद्यार्थियों का पिछले तीन सालों का 1000 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया अब तक न खड़ा होता।
चीमा ने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को यह मसला तुरंत हल करने के लिए प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी के पास निजी पहुंच करनी चाहिए, मोदी सरकार पर दबाव डालने के लिए आप भी यह मुद्दा संसद के दोनों सदनों में उठाएगी और पंजाब विधान सभा में कांग्रेस के साथ-साथ अकाली-भाजपा के विधायकों को घेरेगी।
– रीना अरोड़ा