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लुधियाना कोर्ट ब्लास्ट के आरोपी के घर NIA ने की छापेमारी, पाकिस्तानी ISI से जुड़े हैं साजिश के तार

एनआईए की एक टीम ने पंजाब के खन्ना शहर में लुधियाना जिला अदालत परिसर में पिछले साल दिसंबर में हुए बम विस्फोट के सिलसिले में तलाशी ली।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक टीम ने बुधवार को पंजाब के खन्ना शहर में लुधियाना जिला अदालत परिसर में पिछले साल दिसंबर में हुए बम विस्फोट के सिलसिले में तलाशी ली, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और 5 अन्य घायल हो गए। एक अधिकारी ने बताया कि एनआईए की टीम ने विस्फोट के एक आरोपी-सह-मृतक गगनदीप सिंह के घर पर सुबह छापेमारी की।
दरअसल, 23 दिसंबर, 2021 को लुधियाना के कोर्ट परिसर में एक उच्च तीव्रता वाले विस्फोट में संदिग्ध हमलावर गगनदीप सिंह की मौत हो गई थी, जिसमें पंजाब पुलिस के हेड कांस्टेबल को बर्खास्त कर दिया गया था। इसके बाद में पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता होने के आरोप में जर्मनी में सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के शीर्ष सदस्य जसविंदर सिंह मुल्तान को गिरफ्तार कर लिया।
बम विस्फोट में गयी आरोपी की जान, पुलिस के हेड कांस्टेबल बर्खास्त
भारत द्वारा बर्लिन में आतंकवाद रोधी एजेंसियों को सबूत साझा करने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया था। मुल्तान पाकिस्तान से अंतर्राष्ट्रीय सीमा के जरिए भारत में और विस्फोटक लाने की साजिश रच रहा था और देश के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह के विस्फोट करने की योजना बना रहा था। यह भी आरोप है कि पिछले साल अक्टूबर में पंजाब के तरनतारन जिले के खेमकरण इलाके में हथियारों के पीछे मुल्तान का भी हाथ था। पिछले साल 23 दिसंबर को लुधियाना में जिला एवं सत्र अदालत परिसर की दूसरी मंजिल पर दोपहर करीब 12.22 बजे एक वॉशरूम में धमाका हुआ था।
बम विस्फोट पाकिस्तान की नापाक साजिश का था हिस्सा 
इस घटना की जांच कर रही राज्य की आतंकवाद रोधी एजेंसियों ने दावा किया था कि गगनदीप सिंह ने अदालत परिसर में बम लगाया था और अचानक विस्फोट हो जाने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। गगनदीप सिंह को दुर्ग डीलर से संबंध होने के कारण सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। उस पर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था और इस सिलसिले में 2019 में दो साल के लिए जेल में बंद था।
जांच एजेंसियों ने यह भी पाया है कि विस्फोट के पीछे पाकिस्तानी आईएसआई का हाथ था और गगनदीप सिंह के संपर्क में थे। इस जांच के दौरान, पुलिस को एसएफजे सदस्यों हरविंदर सिंह और जसविंदर सिंह मुल्तान की भूमिका मिली, जो जर्मनी में स्थित थे। वे एसएफजे के अध्यक्ष अवतार सिंह पन्नू और हरमीत सिंह के संपर्क में थे।

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