साध्वी यौन शोषण मामले में दोषी करार और रोहतक की सुनारिया जिला जेल में बंद सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की रातें बेहद बचैनी में गुजर रही हैं। डेरे में मखमली बिस्तरों पर सोने वाले डेरा प्रमुख को जेल में दरी चद्दर पर सोना रास नहीं आ रहा है। रातें करवट बदलते निकल रही हैं।
कभी अपने सेवकों और समर्थकों से घिरे रहने वाले और सुखद जीवन जीने वाले डेरा प्रमुख अब जेल के माहौल से बेहद परेशान हैं। जेल में उनकी चहलकदमी से इसे महसूस किया जा सकता है। बेचैनी दूर करने के लिए वह योग और ध्यान का सहारा भी ले रहे हैं। डेरा प्रमुख की बेचैनी का एक और कारण उन्हें 28 अगस्त को सजा सुनाए जाने को लेकर भी है।
अदालत उन्हें कितनी सजा सुनाएगी यह संभवत: उनके जहन में रह-रह कर कौंध रहा है। जेल सूत्रों के अनुसार डेरा प्रमुख केवल वक्त निकालने के लिए बहुत कम मात्रा में खाना ले रहे हैं। दूध और एक आध चपाती लेकर ही काम चला रहे हैं। कभी विभिन्न तरह के पकवानों से सजी और परोसी जाने वाली थाली अब उनके आगे से गायब है।
उन्हें आम कैदियों को दिया जाने वाला जेल में बना खाना ही दिया जा रहा है जो उनके गले से नीचे नहीं उतर रहा है। डेरा प्रमुख की समस्याएं अभी यहीं खत्म नहीं हुई हैं। उनके खिलाफ पत्रकार रामचंद्र छत्रपति और डेरा के एक चौकीदार की हत्या के मामले भी चल रहे हैं और इनकी सुनवाई भी अब लगभग अंतिम चरण में है।