लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

कांग्रेस विधायकों के बेटे को सरकारी नौकरी देने के फैसले का नौ मंत्रियों, चार सांसदों ने किया समर्थन

पंजाब में दो विधायकों को बेटों को ‘‘अनुकंपा के आधार पर’’ नौकरी देने के राज्य सरकार के फैसले का पंजाब के नौ मंत्रियों और चार कांग्रेसी सांसदों ने रविवार को समर्थन किया, जबकि इस पहल का पार्टी के अंदर कुछ नेता विरोध कर रहे हैं।

पंजाब में दो विधायकों को बेटों को ‘‘अनुकंपा के आधार पर’’ नौकरी देने के राज्य सरकार के फैसले का पंजाब के नौ मंत्रियों और चार कांग्रेसी सांसदों ने रविवार को समर्थन किया, जबकि इस पहल का पार्टी के अंदर कुछ नेता विरोध कर रहे हैं।
कांग्रेस कार्यालय से जारी संयुक्त बयान में समर्थन करने वाले मंत्रियों और सांसदों ने शिअद और आप के नेताओं सहित आलोचकों पर प्रहार किया। उन्होंने राज्य सरकार की नीति समझने में कथित तौर पर विफल रहने के लिए उनकी आलोचना की और दावा किया कि यह नीति वर्षों से लागू है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आतंकवाद पीड़ितों के परिजन, रक्षा एवं अर्द्धसैनिक बल के शहीद लोगों के परिजन, बलात्कार पीड़िता, 1984 के सिख दंगे के पीड़ितों, मृत सरकारी कर्मचारियों के परिजन और ड्यूटी पर शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों के परिवार को सरकारी नौकरियां देती रही है।
सरकार के निर्णय का समर्थन करने वाले राज्य के मंत्रियों में राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी, साधू सिंह धर्मसोत, विजय इंदर सिंगला, अरूणा चौधरी, सुंदर शाम अरोड़ा, गुरप्रीत सिंह कांगड़, बलबीर सिंह सिद्धू, ओ पी सोनी और भारत भूषण आशु शामिल हैं।
कांग्रेस के चार सांसदों में गुरजीत सिंह औजला, रवनीत सिंह बिट्टू, जसबीर सिंह डिंपा और मोहम्मद सादिक शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उन किसानों के परिजन को भी नौकरी देने का वादा किया है जिनकी केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई।
नेताओं ने कहा कि इस श्रेणी के अन्य लोगों को अगर राज्य की नीति के तहत पहले नियमित रूप से लाभ दिए जाते रहे हैं तो विधायक होने के कारण उनके बेटों के खिलाफ भेदभाव अनुचित रहेगा। उन्होंने बयान में कहा, ‘‘सरकार ने पहले भी परिवारों के साथ सामाजिक या आर्थिक आधार पर भेदभाव नहीं किया है।’’
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अर्जुन प्रताप बाजवा को पंजाब पुलिस में निरीक्षक और भीष्म पांडेय को राज्य के राजस्व विभाग में नायब तहसीलदार के पद पर नियुक्ति करने के निर्णय का बचाव किया। बाजवा और पांडेय कादियान के विधायक फतेह जंग सिंह बाजवा और लुधियाना के विधायक राकेश पांडेय के बेटे हैं।
शिअद और आप के विरोध के बाद पंजाब कांग्रेस के प्रमुख सुनील जाखड़ और पार्टी के दो विधायकों ने दो विधायकों के बेटे को नौकरी देने के अपनी सरकार के निर्णय पर ही सवाल खड़े किए और मुख्यमंत्री से ‘‘गलत सलाह’’ वाली इस पहल को वापस लेने की मांग की थी।
जाखड़ के अलावा कांग्रेस विधायक कुलजीत नागरा, अमरिंदर सिंह राजा वारिंग और प्रताप सिंह ने भी सरकार के निर्णय पर नाखुशी जताई थी।
कैबिनेट की शुक्रवार की बैठक में पांच मंत्रियों — सुखजिंदर रंधावा, तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, रजिया सुल्ताना, चरणजीत सिंह चन्नी और सुखबिंदर सरकारिया ने भी समझा जाता है कि इस पहल का विरोध किया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

4 + seventeen =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।