कांग्रेस की पंजाब इकाई में कलह को दूर करने के लिए मैराथन बैठकों का दौर चल रहा है। बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ और राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने दिल्ली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। सुनील जाखड़ ने मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि मैं नहीं मानता कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच कोई संघर्ष है। यह चिंतन कई मुद्दों को लेकर चल रहा है।
उन्होंने कहा कि पंजाब की अंतरआत्मा को जो सबसे बड़ा शूल की तरह चुभ रहा है वो मसला है गुरूग्रंथ साहब को चिथड़े-चिथड़े करके फाड़े जाने का और निहत्थे अनुआयियों पर गोली चलाकर उनका कत्ल किया जाना। उनके कातिल आज पंजाब में घूम रहे हैं। ये कांग्रेस को और पंजाब को विचलित कर रहा है। बता दें कि इससे पहले पंजाब के छह मंत्रियों, एक सांसद व पांच विधायकों ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ एक-एक करके मुलाकात की थी। कांग्रेस नेताओं ने राहुल से मुलाकात के दौरान कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह से बात नहीं बनेगी।
सभी नेताओं की यही राय है कि जल्द समाधान निकाला जाए-खड़गे
पंजाब मामलों पर कांग्रेस पैनल के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को कहा कि पार्टी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में 2022 के राज्य विधानसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने कहा कि सभी नेताओं की यही राय है कि जल्द समाधान निकाला जाए और चुनाव की तैयारियों में लगा जाए। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व यही चाहता है कि विधानसभा चुनाव में पूरी पार्टी एकजुट होकर उतरे।’’राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में अमरिंदर ने समिति के सदस्यों के साथ लंबी बैठक की। खड़गे इस समिति के प्रमुख हैं। खड़गे के अलावा कांग्रेस महासचिव और पंजाब प्रभारी हरीश रावत तथा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जेपी अग्रवाल इस समिति में शामिल हैं। समझा जाता है कि इस बैठक में कलह दूर करने के फार्मूले पर विचार करने के साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव में एकजुट होकर उतरने की तैयारी पर चर्चा हुई।