लुधियाना-अमृतसर : श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने आज पांच सिंह साहिबान जत्थेदारों की विशेष बैठक के उपरांत केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर डेढ माह के भीतर गृह मंत्रालय की ओर से पटियाला की केंद्रीय जेल में लंबे समय से फांसी का इंतजार कर रहे सजायाफता बलवंत सिंह राजोआणा के मामले में कोई उचित फैसला न लिया गया तो पांच सिंह साहिबान श्री अकाल तख्त साहिब से सख्त फैसला लेने के लिए मजबूर होंगे।
ज्ञानी गुरबचन सिंह श्री अकाल तख्त साहिब पर सोमवार को हुई पांच सिंह साहिबान की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पांच सिंह साहिबान की बैठक में आज कई महत्वपूर्ण सिंख मामलों पर चर्चा की गई है। इस बैठक में तख्त श्री अकाल से ज्ञानी गुरबचन सिंह, तख्त पटना साहिब से ज्ञानी इकबाल सिंह , तख्त दमदमा साहिब से ज्ञानी हरप्रीत सिंह, तख्त केसगढ साहिब से ज्ञानी रघुबीर सिंह और श्री अकाल तख्त साहिब के हैड ग्रंथी ज्ञानी मलकील सिंह शामिल हुए।
सिंह साहिब ने कहा फंसी की सजा के लिए जेल में बंद बलवंत सिंह राजोआणा की फांसी की सजा को उम्र कैद में बदलने के लिए एसजीपीसी ने राष्ट्रपति के पास अपील की थी। जिस पर लम्बे समय से कोई कार्रवाई नहीं हुई। हाल ही में राजोआणा ने अनशन शुरू किया था। अकाल तख्त साहिब के आदेशों के बाद एसजीपीसी के अध्यक्ष के नेतृत्व में 18 जुलाई को एसजीपीसी का एक प्रतिनिधि मंडल केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ इस रहम की अपील को लेकर मिला था।
जिस पर गृह मंंत्री ने विचार करने का आश्वासन दिया है। अगर केंद्रीय गृह मंत्रालय डेढ माह में कोई फैसला इस संबंधी नही लेता तो श्री अकाल तख्त साहिब से पांच सिंह साहिबान इस विषय पर कोई सख्त फैसला लेने के लिए मबजूर होंगा। स्मरण रहे कि पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के कत्ल केस से संबंधित केंद्रीय जेल पटियाला की कोठी न. 16 में नजरबंद भाई बलवंत सिंह राजोवाना को 31 मार्च 2012 को चंडीगढ़ सेशन कोर्ट के फैसले के मुताबिक फांसी दी जानी थी। उस वक्त शिरेामणि कमेटी ने तत्कालीन राष्ट्रपति के पास उनकी सजा को उम्रकैद में तबदील करने के लिए अपील दायर की थी, जिसका निर्णय आज तक नहीं हुआ।
ज्ञानी गुरबचन सिंह ने कहा कि चंडीगढ प्रशासन की ओर से महिलाओं को ट्रेफिक सुरक्षा के नाम हैलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। जो कि सिख महिलाओं पर भी लागू होगा। जिन महिलाओं के नाम के साथ कौर शब्द लिखा जाता है। वह महिलाएं सिख है। सिख धर्म में टोप या टोपी पहनना मर्यादा के खिलाफ है। इस लिए सिख महिलाएं किसी भी कीमत पर हैलमेट नहीं पहनेगी। इस मुद्दे को लेकर सिख महिलाओं का प्रतिनिधि मंडल उनको मिला था। पांच सिंह साहिबना ने विचार किया है कि किसी भी कानून को सिख की परिभाषा तय करने का कोई अधिकार नहीं है। सिख महिलाओं को हैलमेट से छूट मिले इस लिए एसजीपीसी को हिदायत दी जाती है कि इस मुद्दे को लेकर एसजीपीसी चंडीगढ प्रशासन से कानून लडाई लडे।
सिंह साहिब ने कहा कि शहीद नगर गुरुद्वारा साहिब बुढ्ढा जोहड़ गंगानगर के विवाद पर चर्चा करने के बाद इस मामले को सुलझाने के तहत ही इस गुरुद्वारा साहिब की दोनों कमेटियों को भंग किया जाता है। इस गुरुद्वारा की कमेटियों ने श्री अकाल तख्त साहिब केि आदेशों के खिलाफ जा कर दो अलग अलग संविधान बना लिए थे। जिस को लेकर काफी विवाद बढ गया और संगत में रोष पैदा हो गया था। इस इस कमेटी के सारे प्रबंधक एक नौ सदस्यों वाली कमेटी को अगले आदेशों तक सौंपे जाते है। काम को चलाने के लिए कानूनी माहिरो और संगत की राय से नया संविधान तैयार किया जाएगा।
इस नौ सदस्यीय कमेटी में श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से बाबा महिंदर सिंह निंहग को शामिल किया गया है। यह कमेटी 6 माह के भीतर सारे प्रबंध काम को मुकम्मल करके श्री अकाल तख्त साहिब को रिपोर्ट सौंपेगी। इस कमेटी का कोआर्डीनेटर तजिंदरपाल सिंह टिम्मा और अजीत सिंह लखियां होंगे। इस कमेटी के दो सदस्य हर रोज गुरुद्वारा में हाजिर रहेंगे। वित्तीय व बैंकों के लेनदेन का काम दोनों पक्षों के दो दो सस्दयों के हस्ताक्षरों से होगा। सिंह साहिब ने कहा कि कुछ दिन पहले निंहंग जत्थेबंदियों और सत्कार कमेटियों के मध्य कुछ मुद्दो को लेकर खूनी टकराव हुआ था। दोनों पक्षों ने पुलिस के पास और श्री अकाल तख्त साहिब के पास एक दूसरे के खिलाफ शिकायतें दर्ज करवाई थी। कुछ सिख संस्थानों में हस्तक्षेप करके इन दोनों का विवाद सुझला दिया है। जो कि सिख कौम के लिए बढिया कदम है।
दोनों पक्षों के लोग अकाल तख्त साहिब पर पेश हुुए थे और शिकायतें वापिस ले ली है। इस दोनों पक्षों को हिदायत दी जाती है कि अब पुलिस के पास भी की गई शिकायतों को दोनों पक्ष वापिस लें और भविष्य में मिल जुल कर काम करें। सिंह साहिब ने कहा कि वर्ष 2017 के विधान सभा चुनावों के दौरान डेरा सिरसा से वोट मागने के मामले में कांग्रेस की पूर्व मुख्यमंत्री रजिंदर कौर भ_ल और मनप्रीत बादल का बेटा अर्जुन बादल अभी तक भी दोषी है। दोनों ने दो बार श्री अकाल तख्त साहिब से पेश होने के लिए समय मांगा था। परंतु अभी तक वह पेश नही हुए। जब तक वह पेश होकर अपना स्पष्ट्रीकरण नही देते वह दोषी है। अगली पांच सिंह साहिब की बैठक में इन के मामले पर भी विचार होगा। उन्होंने कहा कि कुछ धर्मी फौजी अपनी मांगें लेकर उनके पास आए थे। धर्मी फौजियों के कई ग्रुप है। इस की मांगो पर भी अगली बैठक में विचार किया जाएगा। मलोट रैली में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से दस्तार के लिए अपमान के मामले पर अगली बैठक में विचार होगा।
– सुनीलराय कामरेड