लुधियाना-बाघा पुराना : कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ रहे प्रभाव के चलते सरकार की दी हिदायतों का पालन करते हुए सामाजिक दूरी बनाने के साथ-साथ सिर्फ दुल्हा कृष्ण सिंह निवासी राजियाना ने मंजीत कौर निवासी शहजादी गांव फिरोजपुर से बिन बाजे और बारात को नजरअंदाज करके अपना ब्याह करवाया और दोनों अपने मोटरसाइकिल के ऊपर जब ब्याह करवाकर वापिस आ रहे थे तो बाघा पुराना में पुलिस नाके पर पहुंचने के दौरान पुलिस अधिकारियों ने उनका स्वागत बधाईयों से किया और स्वयं द्वारा तैयार करके नवदंपति से केक कटवाया।
उधर खमाणो की तहसील बरवाली कलां के नंबरदार अजमेर सिंह ने अपने बेटे का सादा ब्याह करवाकर जिंदा मिसाल पेश की। वही आज अपने पौत्रे दमनप्रीत सिंह का सादा ब्याह गांव ककरकलां तहसील समराला की रहने वाली अर्शदीप कौर के साथ रचाकर समाज को अच्छा संदेश दिया। इतिहासिक गुरूद्वारा पातशाही छठी में अपने पौत्रे का सुबह दोनों परिवारों के पांच-पांच सदस्यों की उपस्थिति में आनंदकारज की रस्में पूर्ण की। उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने घर में किसी भी रिश्तेदार को नहीं बुलाया। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया मुकम्मल होने पर गुरू का शुक्राना करते हुए ऐसे सादे ब्याह करवाने चाहिए।
जबकि तपामंडी के रहने वाले नवदंपति ने भी अपनी जिंदगी की डोर को थामते वक्त केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जारी हिदायतें और दिशा-निर्देशों को ध्यान में रखते हुए अपने बंधनों को धार्मिक रिति-रिवाजों से बांधा। इस दंपति ने कोरोना महामारी से बचने के लिए ना के वल अपने मुंह पर मॉस्क पहने हुए थे बल्कि जिंदगी की शुरूआत करते वक्त सिर्फ 4 लोगों को साथ लेकर रस्में निभाई।
तपा निवासी नोजवान भारत गोयल ने अपने समेत 5 परिवारिक सदस्यों को गांव पखोकलां में ले जाकर धार्मिक रिति-रिवाजों के मुताबिक 7 फेरे लेकर शादी की और अपने संदेश में लोगों को कहा कि भले ही कोरोना महामारी चारों तरफ मानवीय जीवन को घेरे है किंतु निराशा के दामन को छोडक़र आशा की किरण रखनी चाहिए और एक दिन घने-घोर काले बादल छट जांएगे।
– सुनीलराय कामरेड