लुधियाना-मंडी किलियांवाली : केवल 55 दिनों के अंतराल में मां-बाप से बिछडऩे वाले पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने आज भावुक होकर रब्ब (परमात्मा) से समस्त दौलत, शौहरत और ऊंचे ओहदों के बदले 4 दिनों के लिए मां-बाप को वापिस किए जाने की गुहार लगाई। पंजाब के वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के छोटे भाई गुरदास बादल की मंगलवार को गांव बादल में अंतिम अरदास के दौरान रखे गए पाठ के भोग के अवसर पर मनप्रीत बादल ने यह भी कहा कि मां-बाप परिवार के लिए केंद्र बिंदु होता है, जो अब टूट चुका है। मां-बाप के बिना घर विरान हो चुका है। दुनिया में उनके लिए मां-बाप जैसा इंतजार करने वाला अब कोई शख्स नहीं रहा। माता की गोद और पिता का हौसला गुम होने के बाद अब वह स्वयं को कमजोर और बूढ़ा महसूस कर रहे है। यह भावुक भरे शब्द मनप्रीत सिंह बादल ने अपने पिता गुरदास बादल के भोग के वक्त श्रद्धांजलि समारोह के अवसर पर बोले तो मोजूद बहुत ही लोगों की आंखे सजल हो उठी।
स्मरण रहे कि आज से डेढ़ माह पहले कांग्रेसी मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने अपनी मां हरमंदर कौर को लंबी बीमारी के दौरान खोया था और अब पिछले ही दिनों उन्होंने अपने पिता गुरदास बादल की मौत का सामना किया है। मनप्रीत बादल के पिता गुरदास बादल का मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में इलाज के दौरान हो गया था। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पिता अपने बड़े भाई पाश (प्रकाश सिंह बादल) के लिए आखिरी समय तक परछाई बनकर रहे है। उन्होंने यह भी कहा कि दास अपने बड़े भाई प्रकाश सिंह बादल के लिए आंखें और कानों के तौर पर काम करते थे।
गुरदास बादल की अंतिम अरदास के दौरान पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल समेत समस्त परिजन और दूर-दराज के परिवारिक सदस्य और जान-पहचान के लोग शामिल थे। प्रकाश सिंह बादल ने भी अपने छोटे भाई गुरदास बादल को भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी। मनप्रीत सिंह बादल ने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि उनके पिता जी के बहुत से दोस्त और जान-पहचान वाले विश्व वियापी कोरोना वायरस की महामारी के चलते उनकी अंतिम अरदास में शामिल नहीं हो सके। उन्होंने कहा कि अगर परमात्मा उनसे समस्त कमाई दौलत-शौहरत ले ले तो मां-बाप को वापिस कर दे तो इससे बड़ा लाभ का कोई सौदा नहीं होगा। मनप्रीत बादल ने भरे मन से अपने कुनबे के उन बच्चों को भागयशाली बताया जिनके मां-बाप उनके पास उपस्थित है। उन्होंने कहा कि यह सही है कि मां-बाप ने हमेशा हमारे पास नहीं रहना, जितनी देर तक मां-बाप बच्चों के पास है, उनकी तन-मन से सेवा करनी चाहिए।
– सुनीलराय कामरेड