लुधियाना-हुसैनीवाला : पड़ोसी मुलक पाकिस्तान द्वारा बीती रात एक बार फिर ड्रोन के जरिए भारतीय क्षेत्र में दाखिल होने की खबरे मिली है। खबरों की प्राप्ति के दौरान सुरक्षा एजेंयिों की नींद उड़ी हुई है। भारतीय क्षेत्र में ड्रोन के दाखिले के वक्त इसको निशाना बनाने के लिए डयूटी पर तैनात बीएसएफ के जवानों द्वारा गोलीबारी भी की गई ङ्क्षकतु कोई सफलता हाथ ना लगी।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक भारत-पाकिस्तान हुसैनीवालास अंतरराष्ट्रीय सीमा के क्षेत्र बी.ओ.पी टावर के नजदीक ड्रोन के गांव भाखड़ा की तरफ चले जाने की सूचना से पुलिस और बीएसएफ की खुफियां और सुरक्षा एजेंसिया द्वारा कई टीमे बनाकर खोज कार्य जोरो से आरंभ हुए है।
बताया जा रहा है कि फिरोजपुर के सरहदी क्षेत्र टेंडीवाला में ड्रोन उड़ता देखा गया, इसके बारे में सैनिकों ने उच्च अधिकारियों को सूचना भी दी। यह ड्रोन कुछ वक्त के लिए उड़ता नजर आया लेकिन बाद में वापिस चला गया। इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि हो सकता है कि तस्करों द्वारा ड्रोन का इस्तेमाल नशा सप्लाई करने के कारण अलग ढंग अपनाया जा रहा हो। उन्होंने साथ ही कहा कि सैनिक देश की रक्षा के लिए हर पक्ष से तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि जीरो लाइन पर किसी को भी कुछ हलचल दिखाई दे तो सेनिकों को उसकी सूचना दी जाएं।
यहां उल्लेखनीय है कि सुरक्षा एजेंसियां पिछली 2 रातों से लगातार पाकिस्तान के नापाक इरादों को जानने आएं ड्रोन का क्या उददेश्य था, कहां से आया और क्यों आया और क्या कर पाया है आदि के बारे में जानने के लिए जुटी हुई है। ड्रोन के दाखिले संबंधी अधिक जानकारी देने से उच्च अधिकारियों और बीएसएफ के अधिकारी आना-कानी कर रहे है। फिलहाल फिरोजपुर में दिखे ड्रोनों के बाद भारतीय जवानों द्वारा अंतरराष्ट्रीय सरहद पर सर्तकता बढ़ा दी गई है और देश की सुरक्षा एजेंसियों ने प्रत्येक हरकत पर पैनी नजर रखे हुए है।
स्मरण रहे पंजाब क ी सीमा पर ड्रोन से हथियार और नशे की सप्लाई पर रोक लगने के बाद हुसैनीवाला सेक्टर में एक रात पहले भी 4-5 ड्रोन उलटी दिशाओं में देखे गए। यह एरिया तस्करी के लिए बदनाम मल्लावाल और बस्ती रामलाल के इर्द-गिर्द बताया जा रहा है। अगस्त और सितंबर महीने में भी 9 बार भारतीय सरहद तरनतारन सीमा के जरिए पाक ने ड्रोन उड़ाकर भारतीय क्षेत्र में हथियारों का बड़ा जखीरा भेजा था। पहली खेप 13 अगस्त को खेमकरण सेक्टर से आई और इसके बाद अटारी सेक्टर गांव राजोके से ड्रोन के जरिए खेप आई।
– सुनीलराय कामरेड