लुधियाना : 17 दिसंबर को पंजाब में होने जा रहे 3 नगर-निगम और 32 नगर कौंसल व नगर पंचायतों के नामांकन के दौरान फिरोजपुर जिले के मल्लांवाल, मक्खु, मोगा जिले में बाघापुराना और पटियाला जिले में घनौर हलकों में अकाली नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ अत्याचारों के आरोप लगाकर पिछले 24 घंटों के दौरान शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल की अगुआई में अनिश्चितकाल के लिए दिए जा रहे पंजाब भर में धरने प्रदर्शनों को अचानक शाम ढलते ही खत्म करने का ऐलान कर दिया गया। शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि फिरोजपुर रेंज के डीआईजी राजिंद्र सिंह द्वारा दिए गए आश्वासनों के उपरांत अकाली कार्यकर्ताओं और आगुओं पर दर्ज फर्जी मामलों से धारा 307 हटा दी गई है और कांग्रेसियों के खिलाफ दर्ज पर्चो में शामिल आरोपियों को पुलिस ने गिरफतार कर लिया है। उन्होंने बताया कि इस मामले की सच्चाई जानने के लिए बड़े स्तर पर एडीजीपी क्राइम को जांच सौंप दी गई है।
अकाली दल द्वारा पंजाब भर में मल्लां वाला समेत 4 स्थानों पर कथित तौर पर कांग्रेसियों द्वारा की गई गुंडागर्दी के विरूद्ध यह धरना प्रदर्शन सतलुज दरिया और ब्यास दरिया समेत लिंक रोड़ों पर भी हुआ। सुखबीर सिंह बादल और विक्रमजीत सिंह मजीठिया की अगुवाई में हरिके पतन पर 24 घंटों से चल रहे प्रदर्शन में श्री राजिंद्र सिंह डीआईजी फिरोजपुर रेंज मौके पर पहुंचे और उन्होंने पुलिस प्रशासन द्वारा लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी। इस पश्चात सुखबीर सिंह बादल ने राज्य के लोगों को हो रही परेशानियों पर क्षमायाचना मांगते हुए धरना प्रदर्शन खत्म करने का हुकम सुना दिया।
हालांकि एक रात पहले मुख्य चुनाव आयोग ने नीली-पीली पगड़ीधारी अकालियों की दुहाई न सुनी तो 24 घंटे पश्चात सफेद खद्दधारी कांग्रेस सरकार और खाकी वर्दीधारी पुलिस अफसरों पर मिलीभगत व धक्केशाही के अत्याचारों का हवाला देकर शिरोमणि अकाली दल के मुखी और राज्य में पिछले दस सालों तक मनमाफिक शासन करने वाले पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल अपने लाव लश्कर को साथ लिए सूबे के मालवा व माझा को जोडने वाले फिरोजपुर स्थित हरीके पत्तन पुल पर ठिठुरती रात और दिन काटने को मजबूर हो गए। अकाली हाईकमान वीर और शुक्रवार की रात सडक़ पर बैठे तो देखते ही देखते आज पूरे पंजाब लुधियाना, अमृतसर, फतेहगढ़ साहिब, बरनाला और अमृतसर समेत ब्यास दरिया पर धरना प्रदर्शन होने शुरू हो गए। पूरे राज्य में अकाली सडक़ो पर उतर आएं। पूर्व एसजीपीसी अध्यक्ष बीबी जगीर कौर ने भी ब्यास दरिया के पुल पर धरना देकर नैशनल हाईवे यातायात को अमृतसर व जालंधर को बाधित किया है जबकि लुधियाना में लाडोवाल सतलुज दरिया के पास अकाली-भाजपा नेताओं का भी सडक़ पर प्रदर्शन चलता रहा। इस दौरान हुए ट्रैफिक जामों में परेशान लोगों ने अकालियों को खूब कोसा लेकिन अकाली तो लुधियाना में सडक पर केक काटकर बडे बादल के जन्मदिन की खुशियां मनाते रहे। बाद में कानूनी कार्रवाई की आहट सुनते ही देर शाम एकाएक धरने हटा लिये गए।
इस दौरान धरना प्रदर्शन कर रहे अकाली कार्यकर्ताओं और भाजपा के समूहों ने कांग्रेस सरकार के विरूद्ध जमकी नारेबाजी की। हालांकि इन प्रदर्शनों के दौरान आम राहगिरियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि दूसरी तरफ पंजाब की सियासत में बाबा बोहड के नाम से विखयात एक लंबी पारी खेलने वाले पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के 90वें जन्मदिवस के मौके पर राज्य की जनता को पंजाब भर में जगह-जगह पर रास्ते जाम करके नामुरीद तोहफा दिया है। जबकि हरिके पतन पुल पर बैठे सुखबीर सिंह बादल ने अपने पिता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का जन्म उत्सव सडक़ पर मनाया। नब्बेवे जन्मदिन के अवसर पर प्रकाश सिंह बादल के लिए स्वस्थ्य और लंबी आयु के लिए वाहेगुरू के आगे अरदास की गई। जिसमें समस्त अकालियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान धरने में बैठे प्रदर्शनकारियों ने सतनाम वाहेगुरू के नाम का भी सिमरन किया। जिस पश्चात सभी उपस्थित लोगों को सडक़ पर ही कड़हा-प्रसाद छकाया गया। सुखबीर बादल और विक्रमजीत सिंह मजीठिया के धरने की खबरें सुनकर अधिकांश अकाली वर्कर नैशनल हाईवे 54 की तरफ तेजी से पहुंचते रहे।
अकाली-भाजपा ने सूबे के निकाय चुनाव में धांधली व धक्केशाही के आरोप लगाते हुए न केवल धरना-प्रदर्शन शुरू किया बल्कि इसे अंजाम तक ले जाने के लिए रणनीति के तहत दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई और अकालियों पर दर्ज मामले वापस लेने की मांग रखी। हरीके पत्तन पुल पर धरने से जममू कश्मीर व राजस्थान मार्ग पर यातायात ठप्प हो गया और वाहनों की 5 किलोमीटर लंबी कतारें लग गई। सुखबीर सिंह बादल ने कैप्टन अमरेंद्र सिंह को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि वह आग से न खेलें। उन्होंने कहा कि शायद कैप्टन भूल रहे कि अकाली दल 97 साल पुरानी संघर्ष करने वाले योद्धाओं की पार्टी है।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेसियों में हिममत है तो अकालियों को हाथ लगाकर दिखायें। उन्होंने कहा कि दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई के साथ साथ राज्य भर में अकालियों पर हुए फर्जी मुकद्दमे जब तक वापस नहीं होते , तब तक उनका पंजाब भर के पुलों पर जाम रहेगा। स्मरण रहे कि 2 दिन पहले मल्लंवाल में कांग्रेसियों से अकालियों की झड़प के पश्चात अकालियों पर पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामले को लेकर जिला प्रबंधकीय कोम्पलैक्स के समक्ष धरना दिया गया, फिर रोड़ जाम करके प्रदर्शन हुआ। इस पश्चात डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल और विक्रमजीत सिंह मजीठिया भी पहुंचे और देर रात वे रणनीति के तहत अमृतसर-हरिके हाईवे पर जाम लगाने पहुंच गए। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि लंदन के हीथ्रो हवाई अड्डे के बाहर पीछे से उनके पैर पकडने वाले आईजी मुखविंदर सिंह छिन्ना के बोल अब बदल चुके है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जब सत्ता आएगी तो समस्त ऐसे प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों को सबक सिखाया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि अकाली दल बुजदिलों की पार्टी नहीं इसलिए कांग्रेस को समझ लेना चाहिए कि इनसे पंगे ना लें। उधर, मजीठिया यह कहते दिखे कि कांग्रेस अब उन्हें हिंसा की तैयारी के साथ धरने देने के आरोप लगा रही है। इस दौरान जिला मैजिस्ट्रेट लुधियाना व पुलिस कमिश् नर ने धारा 144 लगाकर कानूनी कार्रवाई की तैयारी भी कर ली। बताया जाता है कि हाईकोर्ट ने इन धरना से उत्पन्न हालातों का कड़ा नोटिस लिया है। जिसे भांपते हुए अकाली दल ने तुरंत यह धरने हटा लिये। जबकि पहले इसे अनिश्चितकालीन तक चलने की चेतावनियां दी जा रही थी। लेटेस्ट खबरों के लिए यहां क्लिक करें।
– सुनीलराय कामरेड