अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में समाज के सभी वर्गों के लोग शांति एवं भाईचारे के साथ रह रहे हैं। साथ ही उन्होंने पंजाब को अशांत प्रदेश के तौर पर दिखाने की राज्य विरोधी ताकतों की बुरी मंशाओं को लेकर आगाह भी किया।
पालन करने के लिए सिखों को कृपाण रखनी ही चाहिए
सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था अकाल तख्त के जत्थेदार ने यहां तलवंडी साबो में तख्त दमदमा साहिब से बैसाखी के अवसर पर ‘संगत’ को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब में समाज के सभी वर्ग शांति एवं भाईचारे से रह रहे हैं। उन्होंने पंजाब विरोधी ताकतों की राज्य को अशांत दिखाने की कुटिल मंशा के प्रति आगाह किया। जत्थेदार ने संगत से सिख गुरुओं की शिक्षाओं का अनुसरण करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कृपाण रखना सिख परंपरा का अभिन्न हिस्सा है, लेकिन एक धड़ा इस पर रोक लगाने का समर्थन कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘धार्मिक परंपराओं का पालन करने के लिए सिखों को कृपाण रखनी ही चाहिए।’’
बैसाखी के मौके पर लोगों ने गुरुद्वारों में अरदास की
जत्थेदार ने इस बात पर खुशी जताई कि कड़ी सुरक्षा के बावजूद बड़ी संख्या में लोग ‘खालसा साजना दिवस’ मनाने के लिए इस पवित्र स्थल पर आए। उन्होंने समुदाय से समाज में नशे के खिलाफ लड़ने और सिख गुरुओं की शिक्षाओं का अनुसरण करने का आग्रह किया। पंजाब के सबसे बड़े त्योहारों में शामिल बैसाखी के अवसर पर सिखों के 10वें गुरु गोबिंद सिंह ने ‘खालसा पंथ’ की स्थापना की थी। यह त्योहार कटाई की शुरुआत का भी प्रतीक है। पंजाब में शुक्रवार को बैसाखी के मौके पर लोगों ने गुरुद्वारों में अरदास की।