लुधियाना-अमृतसर : पंजाबी भाषा को लेकर हुए विवाद में घिरे प्रसिद्ध गायक गुरदासमान आज सात समुद्र पार कनाडा में शो करने के पश्चात अमृतसर के श्री गुरू रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अडडे राजासांसी में पहुंचे। उनके पहुंचने की सूचना को लेकर पुलिस द्वारा सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए हुए थे। इस अवसर पर मीडिया से रूबरू होते मान ने हाथ जोडक़र कहा कि अगर कोई शख्स उनके विचारों को लेकर विरोध कर रहा है, तो कोई बात नहीं, कर लेने दो।
गुरदास मान ने चलते-चलते यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा। बत्तीवाले बयान पर जब उनसे बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने हसकर टाल दिया तो बत्ती तो गाड़ी पर भी लगती है इसके बाद वह अपनी गाड़ी में चलते बने।
स्मरण रहे कि कनाडा में एक रेडियो इंटरव्यू के दौरान मान ने देश के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा हिंदी भाषा को राष्ट्रीय भाषा कहकर समर्थन दिए जाने के उपरांत कहा था कि पंजाबी हमारी मां बोली है और ङ्क्षहदी साडी मासी। कनाडा में इस शो के दौरान कुछ लोगों ने हाथ में पोस्टर थाम कर मान के इस बयान का विरोध किया था तो मान ने पंजाबी उचारण का उपयोग करते हुए बत्ती ले लो वाला बयान दागा था, जिस कारण उनका विरोध आज भी पंजाब के अलग-अलग जिलों के अलग-अलग कोनो में हो रहा है।
उधर आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाइ के प्रधान और सांसद भगवंत मान ने पंजाबी गायक गुरदास मान और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा भारत में हिंदी लागू किए जाने की बयानबाजी के बारे में कहा है कि भारत बहुकोमी और बहुभाषाई मुलक है।
इसी कारण एक विशेष भाषा को लागू करने का फारमूला बिल्कुल सही नहीं। उन्होंने कहा कि पंजाबी बहुत अमीर और पुरानी भाषा है और इस भाषा में कोई अन्य भाषा थोपी नहीं जा सकती और पंजाबी लोगों को यह बिल्कुल भी बरदाश्त नहीं होगा। भगवंत मान ने यह भी कहा कि पंजाबी हमारे जन्म -मरण की रहू-रीतो और सभ्याचार में रची-बसी है। जिस कारण समूह पंजाबी भाईचारा इस बात का विरोध करेगा कि देश में एक भाषाई फारमूला लागू करके हिंदी का बोलबाला किया जाएं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक यह भी पता चला है कि गायक गुरदास मान का पंजाबी भाषा को लेकर शुरू हुआ विवाद संगरूर से संबंधित समाजसेवी और आरटीआइ एक्टीसिस एएस मान, कुलदीप सिंह खेहरा निवासी लुधियाना और परविंद्र सिंह निवासी नवांशहर ने पंजाब के मुख्य चुनाव आयुक्त को एक खत लिखकर गुरदासमान को चुनाव कमीशन के एमबेसटर के तौर पर हटाए जाने की मांग की है।
उनके मुताबिक गुरदास मान को चुनाव कमीशन भारत द्वारा वर्ष 2016 में पंजाब चुनाव कमीशन के एमबेसटर के तौर पर मान्यता दी थी परंतु कुछ दिन पहले गुरदासमान द्वारा कनाडा के एक मंच पर असभय भाषा के तौर पर जिस शब्दावली का प्रयोग किया गया था, वह किसी भी हालत में परवान नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि आम लोग एम्बेसटर में उस अदायरे या संस्था का अकस देखते है, जिसके चलते गुरदासमान ने चुनाव कमीशन के अकस को चोट लगाई।
– सुनीलराय कामरेड