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BSF के अधिकारों को लेकर राजनीति तेज, आमने-सामने आए CM चन्नी और अमरिंदर सिंह

पंजाब सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर के दायरे में तलाशी लेने और गिरफ्तारी करने का सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को अधिकार देने के केंद्र के कथित कदम पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे ‘संघवाद पर हमला’ करार दिया।

पंजाब सरकार ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर के दायरे में तलाशी लेने और गिरफ्तारी करने का सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को अधिकार देने के केंद्र के कथित कदम पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे ‘संघवाद पर हमला’ करार दिया।इस मामले में पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी आमने-सामने आ गए हैं।
कई राजनीतिक दलों ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाये
कुछ रिपोर्टों से पता चलता है कि केंद्र ने बीएसएफ को अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किमी के भीतर क्षेत्र में तलाशी लेने, संदिग्धों को गिरफ्तार करने और जब्ती करने का अधिकार दिया है। इससे पहले, बीएसएफ को पंजाब में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 15 किमी तक कार्रवाई करने का अधिकार था। कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने इस कदम के पीछे भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाये हैं।
भारत सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं
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पंजाब के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘मैं अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के साथ 50 किमी के क्षेत्र में बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार देने के भारत सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं, जो संघवाद पर सीधा हमला है। मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस असंगत निर्णय को तुरंत वापस लेने का आग्रह करता हूं।’’
केंद्रीय सशस्त्र बलों को राजनीति में न घसीटें
हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने इस कदम के समर्थन में कहा, ‘‘बीएसएफ की बढ़ी हुई उपस्थिति और शक्तियां ही हमें मजबूत बनाएगी। आइए केंद्रीय सशस्त्र बलों को राजनीति में न घसीटें।’’ उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी इस फैसले की निंदा की और केंद्र से इसे वापस लेने का आग्रह किया।
मैं प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से इस कदम को वापस लेने का आग्रह करता हूं
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से इस कदम को वापस लेने का आग्रह करता हूं। मुझे समझ में नहीं आता कि सरकार के दिमाग में क्या है, लेकिन यह हस्तक्षेप और हमारे अधिकारों पर हमला है।’’ रंधावा ने कहा कि सीमा पार से आने वाले ड्रोन के मुद्दे के समाधान के बजाय, केंद्र ने बीएसएफ को सीमा के अंदर 50 किलोमीटर की दूरी तक कार्रवाई करने की अनुमति देने का फैसला किया है।
मुझे लगता है कि केंद्र को हमारी राष्ट्रीयता पर संदेह है
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि केंद्र को हमारी राष्ट्रीयता पर संदेह है। मैं कहना चाहता हूं कि पंजाबी देशभक्त हैं और देश से प्यार करते हैं।’’ बाद में, एक बयान में, रंधावा ने बीएसएफ अधिनियम की धारा 139 में हालिया संशोधन के लिए केंद्र पर बरसते हुये कहा कि यह ‘संघवाद पर हमले’ के समान है। उन्होंने कहा कि राज्यों से परामर्श किए बिना या उनकी सहमति प्राप्त किए बिना बीएसएफ अधिकारियों को पुलिस अधिकारियों की शक्तियां प्रदान करके केंद्र सरकार संविधान के संघीय ढांचे को ध्वस्त करने का प्रयास कर रही है।
गृह मंत्रालय ने 3 राज्यों में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाया, एक में कटौती की
बता दें कि गृह मंत्रालय ने बुधवार को जारी एक आधिकारिक आदेश के अनुसार, तीन राज्यों में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को 35 किलोमीटर बढ़ा दिया है, जबकि दूसरे में इसे 30 किलोमीटर कम कर दिया है। आदेश के अनुसार, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को अब भारत की सीमाओं से लगे पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में 50 किलोमीटर के दायरे में कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है। पहले इन राज्यों में केवल 15 किमी तक बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र था।
धारा 139 केंद्र को बीएसएफ के क्षेत्र और संचालन की सीमा को अधिसूचित करने का अधिकार देती है
गुजरात में, अधिकार क्षेत्र, जो पहले 80 किलोमीटर था, अब 50 किलोमीटर तक कम कर दिया गया है, जबकि राजस्थान के लिए कोई बदलाव नहीं किया गया है, जहां बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 50 किलोमीटर तक है। मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नगालैंड, मेघालय और जम्मू-कश्मीर के लिए पूरे राज्य में सीमा सुरक्षा बल का अधिकार क्षेत्र एक समान रहता है। सीमा सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 की धारा 139 केंद्र को समय-समय पर बीएसएफ के क्षेत्र और संचालन की सीमा को अधिसूचित करने का अधिकार देती है।

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